नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया. वह पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए हुए थे.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने इनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी थी. चयन समिति में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे. हालांकि,  न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया था.


पीएम मोदी की तारीफ करने पर एससीबीए ने की थी आलोचना
पिछले साल फरवरी में जस्टिस अरुण मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और पीएम को, उन्हें "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय दूरद्रष्टा" और बहुमुखी प्रतिभा वाला नेता बताया था. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की सोच वैश्विक स्तर की है लेकन लेकिन वे स्थनीय हितों की अनदेखी नहीं करत हैं. पीएम मोदी की तारीफ करने के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने उनकी आलोचना की थी.
  
1500 से ज्यादा पुराने कानूनों को खत्म पर की प्रशंसा
1500 से ज्यादा पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए मोदी और केंद्रीय रानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की तारीफ करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार और सबसे मित्रवत सदस्य है. जस्टिस मिश्रा के बयान पर एससीबीए ने चिंता जताई थी और कहा था कि “एससीबीए का मानना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना है और इस तरह की स्वतंत्रता संरक्षित किया जाना चाहिए. ”
 
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