काबुलः अफ़ग़ानिस्तान में रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है. दानिश सिद्दीकी अफ़गानिस्तान में मौजूदा हालात को कवर करने के लिए पिछले कुछ दिनों से वहां डटे हुए थे. दानिश सिद्दीकी दिल्ली के रहने वाले थे. अफगानिस्तान के समाचार चैनल टोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. दानिश सिद्दीकी की मौत कांधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके में हुई है जहां वह मौजूदा हालत को कवर कर रहे थे.


बता दें कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही यहां भीषण हिंसा जारी है. सिद्दिकी बीते कुछ दिनों से कंधार में जारी हालात की कवरेज के लिए वहां गए थे. सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी रिपोर्ट के रूप में की थी और बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे.


दानिश सिद्दीकी साल 2018 में अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीत चुके हैं. उस समय वह पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. दानिश ने रोहिंग्या शरणार्थी संकट को भी कवर किया था.


दानिश ने मास कम्युनिकेशन का कोर्स एमसीआरसी जामिया मिल्लिया इस्मलामिया नई दिल्ली से किया था. उसके बाद वो टीवी रिपोर्टर के तौर पर वो अलग-अलग टीवी चैनलों से जुड़े. इसके बाद वो फोटोग्राफी के क्षेत्र में उतरे. दिल्ली में पैदा हुए और बढ़े हुए दानिश का परिवार जामिया यूनिवर्सिटी के पास के इलाके गफ्फार मंज़िल में रहता है. उनकी पत्नी जर्मन हैं और दो बच्चे हैं.


भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने दानिश के बारे में लिखा, ''कल रात कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से गहरा दुख हुआ. भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ थे, जब उन पर आतंकवादियों ने हमला किया था. मैं उनसे 2 हफ्ते पहले काबुल के लिए रवाना होने से पहले मिला था. उन्होंने फोटो पत्रकारिता के लिए अपने जुनून और अफगानिस्तान के लिए प्यार के बारे में बात की. उन्हें याद किया जाएगा. मैं उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.''






इससे पहले दानिश सिद्धीकी ने 13 जून को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह जिस वाहन में सवार थे, उसपर हमला किया गया था. उन्होंने लिखा था, ''मेरी किस्मत अच्छी रही कि मैं सुरक्षित बच गया.''


अफगानिस्तान में जारी संकट को कवर करने गए दानिश सिद्दिकी लगातार वहां के हालत  को कैमरे में कैद करके अपने ट्विटर हैंडल से शेयर भी कर रहे थे. अपने हैंडल के जरिए दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान से कई तरह के जीवन को एक साथ दिखाने की कोशिश में लगे हुए थे.