Telangana CM Oath Taking ceremony: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की जीत के बाद गुरुवार (7 दिसंबर) को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर 56 वर्षीय अनुमुला रेवंत रेड्डी ने शपथ ले ली है. उनके साथ उप मुख्यमंत्री के तौर पर भट्टी विक्रमार्का मालू ने शपथ ली है. इसके साथ ही 12 अन्य विधायकों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है. राज्यपाल तमलिसै सौंदरराजन ने इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी है.





जिन अन्य विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली है वे हैं नलामादा उत्तम कुमार रेड्डी, सी दामादोर राजनरसिम्हा, कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी, डुडिल्ला श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूनम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, डी अनसुइया सीथक्का, तुम्माला नागेश्वर राव, जुपल्ली कृष्णा राव, गद्दाम प्रसाद कुमार. इन विधायकों के मंत्रिमंडल पर निर्णय बाद में होगा.


चलिए हम आपको विस्तार से बताते हैं रेवंत रेड्डी के साथ शपथ लेने वाले बाकी 12 विधायक कौन हैं और उनका राजनैतिक इतिहास क्या रहा है.


भट्टी विक्रमार्क: वह राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं. अनुसूचित जाति के रूप में सूचीबद्ध माला समुदाय से हैं.


गद्दाम प्रसाद कुमार : इन्होंने विकाराबाद विधानसभा सीट से बीआरएस के विधायक आनंद मेथुकु और बीजेपी के पी नवीन कुमार को हराया.


उत्तम कुमार रेड्डी:  रेड्डी पार्टी के वफादार और पूर्व वायु सेना पायलट हैं. 2021 में रेवंत रेड्डी से पहले वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे. रेड्डी ने हुजूरनगर सीट जीती है.


श्रीधर बाबू: कांग्रेस के एक अन्य वफादार, श्रीधर बाबू पार्टी की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष थे. ब्राह्मण समुदाय से आने वाले वह अविभाजित आंध्र प्रदेश सरकार (जब कांग्रेस सत्ता में थी) में विधायक भी थे और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया.


पोन्नम प्रभाकर: अपने छात्र जीवन से ही राजनेता रहे. प्रभाकर करीमनगर के पूर्व लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने 2009 में यह सीट जीती - जो पहले तेलंगाना के निवर्तमान मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के पास थी - लेकिन 2014 में बीआरएस के बीवी कुमार और 2019 में बीजेपी के बंदी संजय कुमार से हार गए.


कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी: एक और अनुभवी नेता हैं. तीन दशकों से अधिक समय से  रेड्डी लोकसभा सांसद थे, जिन्हें इस चुनाव में मैदान में उतारा गया था.


दामोदर राजा नरसिम्हा: (अविभाजित) आंध्र प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे हैं. नरसिम्हा उच्च शिक्षा और कृषि मंत्री भी थे. 


पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी: 2014 में आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के टिकट पर खम्मम लोकसभा सीट से चुने गए थे. वह 2018 में बीआरएस और इस चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने पलैरु सीट 56,000 से अधिक वोटों से जीती.


दाना अनसूया: सीथक्का के नाम से लोकप्रिय अनसूया मुलुगु जिले के एक आदिवासी समुदाय की सदस्य हैं और  मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी उन्हें प्यार से अपनी "बहन" कहते हैं. दिलचस्प बात यह है कि सुश्री अनसूया राजनीति में आने से पहले एक नक्सली समूह की सदस्य थीं. अब राजनीति विज्ञान में पीएचडी के साथ एक प्रशिक्षित वकील भी हैं. उन्होंने मुलुग विधानसभा सीट से जीत हासिल की.


थुम्मला नागेश्वर राव: पहले आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाउ नायडू की टीडीपी के साथ थे.  राव 2014 में प्रतिद्वंद्वी बीआरएस में शामिल होने से पहले तीन बार विधायक थे, जहां उन्होंने सड़क और भवन मंत्री के रूप में कार्य किया. इस चुनाव से पहले उन्होंने बीआरएस छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए क्योंकि उन्हें टिकट नहीं दिया गया था.


सोनिया राहुल रहे उपस्थित


हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में हुए शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे हैं. अन्य नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार भी शामिल हुए हैं. शपथ लेने से पहले रेवंत रेड्डी एक खुली जीप में पहुंचे जिसे फूलों से सजाया गया था. राज्य के लोगों को शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए उन्होंने खुला निमंत्रण दिया था और कहा था कि आज जनता की सरकार कार्यभार संभालेंगी.


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