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Kannauj पहुंची रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम, पांच जांच एजेंसियों के निशाने पर 'धन कुबेर'
पीयूष जैन (Piyush Jain) मामले में रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम Kannauj पहुंच गई है. इस मामले की जांच पांच एजेंसियां कर सकती हैं.
![Kannauj पहुंची रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम, पांच जांच एजेंसियों के निशाने पर 'धन कुबेर' Revenue Intelligence team reached Kannauj Dhan Kuber on the target of five investigative agencies ANN Kannauj पहुंची रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम, पांच जांच एजेंसियों के निशाने पर 'धन कुबेर'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/26/2336b0be2a6be371bdcb0e4538ce3a54_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कानपुर (Kanpur) के काले धन के धन कुबेर की जांच के लिए डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (Revenue Intelligence) की टीम आज कन्नौज (Kannauj) पहुंच गई. वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में जीएसटी (GST) मुख्यालय को पत्र लिखकर छापे से संबंधित सभी दस्तावेज देने को कहा है जिससे वह मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) एंगल की जांच कर सके. यानी, अब काले कुबेर का खजाना पांच केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर है और हर एजेंसी यही जानना चाहती है कि आखिर यह पैसा आया कहां से?
कन्नौज में छापेमारी के दौरान जीएसटी टीम ने 23 किलो सोना भी बरामद किया था. आरोप है कि है सोना विदेश में निर्मित था. सोने की बरामदगी के बाद जीएसटी मुख्यालय ने इस बाबत डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस को सूचित करते हुए मामले की जांच करने का आग्रह किया. इसके बाद आज डीआरआई की एक टीम कन्नौज पहुंची.
सूत्रों के मुताबिक यह टीम इस बात की जांच करेगी कि विदेशी सोने का भारत में आने का सोर्स क्या था? यह किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा वैधानिक तौर पर खरीद कर लाया गया था तो यह सोना पीयूष जैन तक कैसे पहुंचा और इसके लिए पीयूष जैन ने पैसे किस प्रकार से दिए थे?
उधर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के लखनऊ कार्यालय ने जीएसटी मुख्यालय को पत्र लिखकर कहा है कि इस छापे से संबंधित जो भी दस्तावेज एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए हैं उनकी बाबत पूरी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय को दी जाए जिससे यह पता चल सके कि इस मामले में कहीं यह पैसा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत तो नहीं लाया गया था. माना जा रहा है कि दस्तावेजों के आरंभिक आकलन के बाद प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर सकता है.
सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा भी इस धनकुबेर पर तीन और केंद्रीय जांच एजेंसियों की निगाहें हैं. इनमें आयकर विभाग भी शामिल है जो इस मामले में आयकर चोरी के अलावा ब्लैक मनी एक्ट के तहत अपनी कार्रवाई शुरू कर सकता है तो वहीं दूसरी तरफ पीयूष जैन के ठिकानों से जो 600 किलो चंदन लकड़ी का तेल बरामद हुआ है. तेल को लेकर वाइल्ड लाइफ विभाग भी अपनी जांच शुरू कर सकता है कि चंदन की लकड़ी का इतना तेल कहां से लाया यह लकड़ी कहां से खरीदी गई थी और क्या इस लकड़ी को काटने के लिए आवश्यक विभागों से मंजूरी ली गई थी.
ध्यान रहे कि जीएसटी इंटेलिजेंस अहमदाबाद की टीम ने कानपुर कन्नौज में छापेमारी कर गुटखा कंपनियों को बेचने वाले एक व्यवसायी पीयूष जैन के ठिकानों से 194 करोड रुपए की नकदी के अलावा 23 किलो सोना और 6 करोड रुपए मूल्य का चंदन लकड़ी का तेल तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे.
जीएसटी विभाग ने इस मामले में पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया था और जीएसटी विभाग से पूछताछ के दौरान पीयूष जैन ने यह दावा किया था कि यह सारा पैसा उसका ही है. पीयूष जैन को कानपुर की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया था जहां से उसे सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था मामले की जांच जारी है.
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