नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर के खुलते ही पूजा के लिए भक्तों का तांता लग गया. भक्तों के चढ़ावे (डोनेशन) के कारण मंदिर की कमाई पहले दो दिनों में ही तीन करोड़ के पार पहुंच गई. मंदिर 16 नवंबर को खोला गया है. 41 दिनों तक चलने वाले सालाना मंडाला मकरविलाक्कू पूजा के लिए मंदिर खुला है. मंदिर को दो दिनों में डोनेशन और पूजा दक्षिणा में 1 करोड़ मिला जो कि 2017 में मिले डोनेशन से 25 लाख ज्यादा है.


सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई है जिसके तहत मांग की गई है कि कोर्ट अपने दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करे. कोर्ट ने अपने फैसले में महिलाओं को सबरीमाला में एंट्री की इजाज़त दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को सबरीमाला पर फैसला दिया था जिसके तहत 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं पर सबरीमाला मंदिर में जाकर पूजा करने पर लगे बैन को हटा दिया गया था. कोर्ट का ये आब्जर्वेशन भी था कि धार्मिक समूहों के पूजा के अधिकार के सामने एक इंडिविजुअल के पूजा करने के अधिकार को नकारा नहीं किया जा सकता है.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाओं को मंदिर में नहीं घुसने दिया गया था. 10 से पचास साल की महिलाओं ने जब पिछले साल मंदिर में प्रवेश करने के कोशिश की थी तो भक्तों के विरोध का सामना करना पड़ा था. विरोध करने वाले समूहों में से एक भगवान अयप्पा के भक्त थे जिन्होंने महिलाओं को मंदिर के बाहर ही रोक दिया था.


शनिवार को 10 से 50 साल के उम्र की, कम से कम दस महिलाओं ने मंदिर में घुसने की कोशिश की जिनको मंदिर से छह किलोमीटर दूर से वापस भेज दिया गया. वहीं, केरल सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि 10 से 50 साल की उम्र की कोई भी महिला जो सबरीमाला मंदिर में घुसने की कोशिश करेगी उसको सरकार किसी तरह की कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी.