ABP C-Voter survey: मोदी सरकार 2.0 की क्या है सबसे बड़ी कामयाबी? जानिए 15 मुद्दों पर जनता की राय
543 लोकसभा सीटों पर किए गए सर्वे में 1.39 लाख लोगों से बातचीत की गई. जनता से पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी के कामकाज को लेकर भी सवाल किए गए.
नई दिल्ली: मोदी सरकार को देश की सत्ता में आए सात साल और दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे हो गए हैं. कोरोना काल और केंद्र सरकार की चुनौतियों के बीच लोगों की राय जानने के लिए सी वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज के लिए सर्वे किया गया. शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों के लोगों से केंद्र के कामकाज से लेकर देश की विदेश नीति और पेट्रोल डीजल की कीमतों तक सवाल किए गए. जानिए तमाम मुद्दों पर लोगों ने क्या राय दी.
आर्टिकल-370 हटाना मोदी 2.0 की सबसे बड़ी कामयाबी
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाना नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है. एबीपी-सी वोटर सर्वे के अनुसार, 47.4 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि आर्टिकल-370 को निरस्त करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी है. 23.7 फीसदी का मानना है कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबसे बड़ी उपलब्धि है. इसी तरह, 53.4 फीसदी लोगों ने कहा कि इस साल देशव्यापी लॉकडाउन नहीं करना मोदी सरकार का सही फैसला है.
- महंगे पेट्रोल-डीजल का जिम्मेदार कौन? 44 फीसदी शहरी और 48 फीसदी ग्रामीण लोग केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानते हैं जबकि 19 फीसदी शहरी और 22 फीसदी ग्रामीण लोग राज्य सरकार को जिम्मेदार मानते हैं.
- आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार से किसे ज्यादा फायदा? 61 फीसदी शहरी और 66 फीसदी ग्रामीण लोग आर्थिक मोर्चे पर बड़े उद्योगपति को जिम्मेदार मानते हैं.
- लद्दाख इलाके में चीन का अतिक्रमण केंद्र की नाकामी? 40 फीसदी शहरी और 47 फीसदी ग्रामीण लोगों ने इस सवाल का जवाब हां में दिया. जबकि 42 फीसदी शहरी और 35 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं कहा.
- दो साल में जम्मू कश्मीर की स्थिति सुधरी? 67 फीसदी शहरी और 56 फीसदी ग्रामीण लोगों का मानना है कि बीते दो साल में जम्मू कश्मीर की स्थिति सुधरी है.
- CAA लागू करने का फैसला सही? 65 फीसदी शहरी और 48 फीसदी ग्रामीण लोग सीएए के फैसले पर मौदी सरकार के साथ हैं. 20 व 23 फीसदी ने मना किया.
- मोदी राज में विदेश से रिश्ते बेहतर हुए? 78 फीसदी शहरी और 56 फीसदी ग्रामीणों का मानना है कि मोदी कार्यकाल में भारत के विदेश से रिश्ते बेहतर हुए हैं. 12 व 9 फीसदी ने कहा रिश्तें खराब हो गए.
- किसानों की मांग केंद्र को मान लेनी चाहिए? 44 फीसदी शहरी और 41 फीसदी ग्रामीण किसान आंदोलन के पक्ष में हैं जबकि 41 फीसदी व 29 फीसदी ने कहा है कि किसानों की मांग केंद्र को नहीं मानना चाहिए.
- केंद्र सरकार के काम से कितना संतुष्ट हैं? 31 फीसदी लोगों ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के काम से बहुत संतुष्ट हैं. 28 फीसदी कम संतुष्ट और 37 फीसदी असंतुष्ट हैं.
- राहुल गांधी के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं? केवल 18 फीसदी लोग ही राहुल गांधी के काम से बहुत संतुष्ट हैं. 41 फीसदी लोग बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि 22 फीसदी ने कहा कि वह कम संतुष्ट हैं.
- गृहमंत्री अमित शाह के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं? 28 फीसदी लोग ही अमित शाह के काम से बहुत संतुष्ट हैं. 37 फीसदी लोग बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि 22 फीसदी ने कहा कि वह कम संतुष्ट हैं.
- किससे सबसे ज्यादा नाराज हैं और बदलना चाहेंगे? इस सवाल का आधे से ज्यादा (54 फीसदी) लोगों ने जवाब नहीं दिया है यानी कि उन्होंने कहा 'कह नहीं सकते'. 24 फीसदी केंद्र सरकार से नाराज हैं, 17 फीसदी राज्य सरकार और 5 फीसदी स्थानीय व्यवस्था से नाराज हैं.
- प्रधानमंत्री पद के लिए बेहतर कौन? सबसे ज्यादा 42 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी को बेहतर माना है. इसके बाद 12 फीसदी राहुल गांधी, 6 फीसदी अरविंद केजरीवाल, 6 फीसदी मनमोहन सिंह, 4 फीसदी ममता बनर्जी, 2 फीसदी सोनिया गांधी, 2 फीसदी लोगों ने योगी आदित्याथ के पक्ष में वोट दिया है.
- आपको सीधे पीएम चुनना हो तो किसे चुनेंगे? सबसे ज्यादा 50 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी को सीधे पीएम चुनने के लिए वोट दिया है. जबकि 30 फीसदी राहुल गांधी को वोट मिले. 10 फीसदी लोगों ने दोनों में से किसी को भी वोट नहीं दिया. 10 फीसदी सवाल का जवाब नहीं दिया.
- अपने सांसद के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं? सर्वे में सबसे ज्यादा 37 फीसदी लोग अपने सांसदों से असंतुष्ट हैं. 27 फीसदी बहुत संतुष्ट और 26 फीसदी कमन संतुष्ट हैं.
ये भी पढ़ें-
Explainer: कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की कैसे मदद करेगी मोदी सरकार, जानिए सबकुछ
मन की बात | पीएम मोदी बोले- 100 सालों में सबसे बड़ी महामारी, देश पूरी ताकत से लड़ रहा है