आरजी कर केस में पीड़ित परिवार की वकील ने छोड़ा केस, जानें क्यों किया लड़ने से इनकार
Kolkata Doctor Rape Murder Case: वृंदा ग्रोवर के चैंबर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीनियर वकील पीड़िता के परिवार के लिए निःशुल्क केस लड़ रही थीं, जिसमें अन्य वकील भी शामिल थे.
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता आरजी कर रेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार का केस लड़ रहीं वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट और सियालदाह ट्रायल कोर्ट में इस मामले से खुद को अलग कर लिया है. वृंदा ग्रोवर की ओर से ये निर्णय कुछ कारणों और परिस्थितियों के चलते लिया गया. बुधवार (11 दिसंबर, 2024) को उनकी टीम की ओर से ये बताया गया है कि पीड़िता के परिवार और उनकी लीगल टीम के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, लीगल टीम और पीड़िता के परिवार के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा था. इसी कारण से वृंदा ग्रोवर ने ये निर्णय लिया. वृंदा ग्रोवर के चैंबर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीनियर वकील पीड़िता के परिवार के लिए निःशुल्क केस लड़ रही थीं. वहीं ग्रोवर की कानूनी टीम में अधिवक्ता सौतिक बनर्जी और अर्जुन गुप्तू शामिल थे, जिन्होंने 4 नवंबर से सियालदह सत्र न्यायालय में मुकदमे में डेली अपीयरेंस सहित कई अदालतों में परिवार के लिए केस में शामिल हुए.
लीगल टीम ने क्या कहा?
सीनियर वकील की लीगल टीम के बयान में ये भी कहा गया है कि इस दौरान, 43 अभियोजन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और अन्य आरोपी व्यक्तियों के लिए जमानत का विरोध लगातार किया गया है. वहीं बचे हुए साक्ष्य अगले 2 से 3 दिनों में पूरे होने की उम्मीद है. बयान में ये भी कहा गया है कि सीनियर वकील साक्ष्य और नैतिकता के अनुसार कानूनी सेवाएं प्रदान करते हैं, लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने खुद को केस से वापस ले लिया है.
पीड़ित परिवार को नहीं है जानकारी
लीगल टीम के बयान में कहा गया है कि इस बारे में ट्रायल कोर्ट को सूचित कर दिया गया है और वकीलों को मामले से अलग कर दिया गया है. इसको लेकर जब पीड़िता के परिवार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. वहीं बीते रोज मंगलवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता के आरजी कर मामले में मुकदमा एक महीने के भीतर समाप्त होने की संभावना है.
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