कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की सावधि जमा (FD) भुनाने संबंधी याचिका पर सोमवार (28 अक्टूबर, 2024) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.


जस्टिस सुभेंदु सामंत ने संदीप घोष को अपनी याचिका में सीबीआई को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक को पूर्व प्रिंसिपल के परिवार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उनकी सावधि जमा को भुनाने देने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है.


संदीप घोष को 2 सितंबर को सरकारी आरजी कर हॉस्पिटल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में और बाद में ड्यूटी पर मौजूद ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.


संदीप घोष के वकील ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि उनके मुवक्किल की हिरासत के दौरान उनकी पत्नी ने परिवार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उनकी सावधि जमा को भुनाने के लिए बैंक से संपर्क किया.


उन्होंने दावा किया कि उक्त सावधि जमा के मूल दस्तावेज याचिकाकर्ता के कब्जे में हैं और सीबीआई ने इन्हें जब्त नहीं किया था. वहीं, बैंक के वकील ने कहा कि चूंकि संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई जांच अभी जारी है, इसलिए सावधि जमा को भुनाना संभव नहीं है.


यह उल्लेख करते हुए कि मामले में सीबीआई को पक्षकार नहीं बनाया गया है, जस्टिस सामंत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह हाईकोर्ट के पिछले आदेशों पर दोनों मामलों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी को अपनी याचिका में प्रतिवादी बनाए. कोर्ट ने सीबीआई को 30 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि घोष की याचिका के संबंध में आदेश पारित करने से पहले यह आवश्यक है.