कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस पर मंगलवार (17 सितंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान फिर से एक वकील को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के गुस्से का सामना करना पड़ गया. सीजेआई चंद्रचूड़ समेत तीन जजों की बेंच सभी पक्षों की दलीलें सुन रही थी, तभी एक वकील जोर-जोर से बोलने लगे. इस पर सीजेआई ने उनसे कहा कि पहले आप बात सुनिए और अगर नहीं सुनेंगे तो आपको कोर्ट से बाहर कर देंगे.


सीजेआ चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी सुनवाई कर रहे थे. सुनवाई के दौरान जोर-जोर से बोल रहे एक वकील को चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कड़ी फटकार लगाई. इस वकील ने याचिका दाखिल कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. यह सब उस वक्त हुआ जब बेंच डॉक्टरों के काम पर वापस लौटने को लेकर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की वकील इंदिरा जयसिंह और बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल की दलीलें सुन रहे थे.


सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की वकील ने इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से डॉक्टरों के काम पर वापस लौटने को लेकर उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न किए जाने की अपील की है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल बता चुके हैं कि जूनियर डॉक्टर्स को आश्वासन दिया गया है कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.


सीजेआई चंद्रचूड़ ने पिछले आदेश को लेकर कहा कि इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, हमने डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए कहा है और सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए जो करना है उन्हें करने दीजिए. इसी दौरान एक वकील जोर-जोर से बोलकर ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करने लगे.


सीजेआई चंद्रचूड़ वकील के इस व्यवहार पर नाराज हो गए और उनसे कहा कि यह पॉलिटिकल फोरम नहीं है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह राजनीतिक मंच नहीं है, आप बार के सदस्य हैं, हमें कुछ कहने के लिए आपकी इजाजत की जरूरत नहीं है. आपको कुछ कहने के लिए कानूनी अनुशासन के नियमों का पालन करना होगा. हम यहां यह देखने के लिए नहीं हैं कि आप किसी राजनीतिक पदाधिकारी के बारे में क्या महसूस करते हैं, यह हमारी चिंता की विषय नहीं है. हम यहां विशेष रूप से डॉक्टरों की शिकायतों को सुन रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि कोर्ट मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कहे, तो ऐसा नहीं हो सकता. यह कोर्ट का काम नहीं है.'


वकील इस पर भी चुप नहीं हुए और बहस करने लगे तो सीजेआई चंद्रचूड़ ने उन्हें चेतावनी दी कि उन्हें कोर्ट से बाहर कर दिया जाएगा. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'देखिए, आई एम सॉरी, आप प्लीज मेरी बात सुनिए. वरना मैं आपको कोर्ट से बाहर कर दूंगा.' 9 सितंबर को पिछली सुनवाई के दौरान भी ऐसा ही वाकिया हुआ था. सीजेआई चंद्रचूड़ जब कपिल सिब्बल की दलीलें सुन रहे थे तो एक वकील बीच में बार-बार बोल रहे थे. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि आप आवाज नीची करिए और अपना पिच नीचे करके बात कीजिए.


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