RG Kar Rape Murder Case: कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के करीब तीन महीने बाद, जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार (1 नवंबर 2024) को कहा कि वे इस घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की गति से खुश नहीं हैं. इसके डॉक्टरों ने नये सिरे से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है.


पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम भी सीबीआई से असंतुष्ट है, क्योंकि डॉक्टर की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर चार्जशीट में सिर्फ एक शख्स को आरोपी बनाया गया है, जिसे कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की ओर से जांच अपने हाथ में लेने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.


फोरम के प्रवक्ता देबाशीष हलदर ने आरजी कर अस्पताल में हो रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम नौ नवंबर को कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों के साथ रैली निकालेंगे. पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में भी इसी तरह की रैलियां होंगी."


दीये जलाने का आह्वान


नौ नवंबर को एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि एवेन्यू पर एक सामूहिक सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें मृतका के लिए न्याय की मांग की जाएगी. हलदर ने कहा, "हम चार नवंबर को बंगाल के हर इलाके में दीये जलाने का आह्वान भी कर रहे हैं."


उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टरों को मीडिया रिपोर्ट से लगता है कि 'अन्य अपराधियों' की भूमिका सीबीआई के चार्जशीट में पूरी तरह से नहीं बताई गई है, जिसमें अपराध में सीधे तौर पर शामिल केवल एक व्यक्ति का नाम है. हलदर ने पूछा, "क्या (आरजी कर अस्पताल के) पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की भूमिका की पूरी तरह से जांच की गई है?"


तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया


सीबीआई जांच की गति पर असंतोष जताते हुए हलदर ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों को आशंका है कि इस तरह की जांच से आरोपियों को जमानत मिल सकती है. हलदर ने कहा, "इस तरह की नियमित जांच क्यों की गई? हम जानना चाहते हैं कि केंद्रीय एजेंसी ने अस्पताल के उच्च अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं और क्या जांचकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की है."


आंदोलन पर गर्म होती सियासत


सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जूनियर डॉक्टरों के फिर से आंदोलन करने की आलोचना की. वरिष्ठ तृणमूल सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने दावा किया कि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन में दिशा का अभाव है. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि आंदोलन को माकपा ने ‘हाईजैक’ कर लिया है, क्योंकि जूनियर डॉक्टरों के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं है."


उन्होंने कहा कि सीबीआई आरजी कर घटना की जांच कर रही है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने पूछा, "आम आदमी को असुविधा पहुंचाने के लिए एक के बाद एक कार्यक्रम बनाने का क्या मतलब है?"


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