नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से शुक्रवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था. इफ्तार में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के नहीं पहुंचने के पार्टी के अंदर चल रहा मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है.


कुमार विश्वास ने दावा किया कि उन्हें इफ्तार पार्टी में आमंत्रित नहीं किया गया, वहीं इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाली उर्दू अकेडमी ने सफाई दी है कि कुमार को आमंत्रित किया गया था. आपको बता दें कि दिल्ली उर्दू अकेडमी के चेयरमैन मुख्यमंत्री होते हैं.


शुक्रवार शाम आयोजित किए गए इफ्तार पार्टी में पिछले 2 सालों वाली रौनक नजर नहीं आई. इफ्तार में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और आप के विधायकों शामिल हुए.



लेकिन, इस बार केजरीवाल की इफ्तार पार्टी में पिछले 2 सालों से नज़र आने वाली रौनक गायब रही. इस बार इफ्तार पार्टी में कोई बड़ा चेहरा नहीं भी शामिल नहीं हुआ. इतना ही नहीं दिल्ली सरकार और विधायकों के अलावा आम आदमी पार्टी का कोई बड़ा नेता भी मौजूद नहीं था.


कुमार विश्वास की गैरमौजूदगी का मद्दा इसलिए अहम हो गया है क्योंकि उन्होंने खुद मीडिया में बयान दिया कि उन्हें इफ्तार पार्टी में आमंत्रित नहीं किया गया. इसके बाद भले ही उर्दू अकेडमी के उपाध्यक्ष माजिद देवबंदी ने सफाई दी कि कुमार को स्पीड पोस्ट से आमंत्रण भेजा गया था. कुमार विश्वास के इफ्तार में नहीं पहुंचने की वजह से आप में चल रहे आंतरिक झगड़े और बड़े नेताओं के बीच अविश्वास की खाई एक बार फिल खुल कर सामने आ गई है.