नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास के बागी रुख के बाद पार्टी ने उन्हें राजस्थान के प्रभारी पद से हटा दिया है. कुमार की जगह दीपक वाजपेयी को प्रभारी नियुक्त किया गया है. राजस्थान में इसी साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होंगे. जहां वह अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी है.


कुमार विश्वास को राजस्थान के प्रभारी पद जिम्मेदारी पिछले साल मई में दी गई थी. प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद कुमार विश्वास ने ट्विट कर इशारों-इशारों में अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है.


उन्होंने कहा ''हम शब्द-वंश के हरकारे, सच कहना अपनी परम्परा. हम उस कबीर की पीढ़ी, जो बाबर-अकबर से नहीं डरा. पूजा का दीप नहीं डरता,इन षड्यंत्री आभाओं से. वाणी का मोल नहीं चुकता, अनुदानित राज्य सभाओं से. जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे,हथियार बना कर क्या पाया? जो शिलालेख बनता उसको, अख़बार बना कर क्या पाया?''


कुमार विश्वास ने ट्विट कर कहा, ''तुम निकले थे लेने 'स्वराज' सूरज की सुर्ख़ गवाही में, पर आज स्वयं टिमाटिमा रहे जुगनू की नौकरशाही में, सब साथ लड़े, सब उत्सुक थे तुमको आसन तक लाने में, कुछ सफल हुए 'निर्वीय' तुम्हें यह राजनीति समझाने में, इन 'आत्मप्रवंचित बौनों' का, दरबार बना कर क्या पाया?





राज्यसभा नहीं भेजे जाने से आहत कुमार विश्वास ने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने तब कहा था, "बीते डेढ़ सालों से चाहे पीएसी (राजनीति मामलों की समिति) हो या मेरे बड़े भाई अरविंद केजरीवाल का सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों पर फैसला, आतंकवादियों पर नरम रुख, टिकट बंटवारे पर उनकी चुप्पी व जेएनयू..जो भी सच मैंने बोला है, उसकी आज मुझे सजा दी गई है."


दोनों नेताओं के बीच मतभेद काफी समय से है. चुनाव प्रचार का ढंग हो या राष्ट्रीय मुद्दों पर राय दोनों नेता कई बार आमने-सामने आ चुके हैं. हाल ही में जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य नेताओं से मानहानि मामले में माफी मांगी तो कुमार विश्वास ने इससे इनकार कर दिया. कुमार विश्वास पर भी मानहानि का केस दर्ज है.


अमानतुल्ला खान के आरोपों के बाद आमना-सामना


दरअसल पिछले साल अप्रैल में ओखला से आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी तोड़ने की साजिश रच रहे हैं और उन्होंने कुछ विधायकों से 30-30 करोड़ रुपये के बदले बीजेपी में शामिल होने के लिए कहा है.


इस आरोप के बाद बौखलाए कुमार विश्वास अमानतुल्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विश्वास को मनाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान का प्रभारी बनाया और अमानतुल्ला को पार्टी से निलंबित कर दिया. लेकिन कुछ दिनों बाद ही अमानतुल्ला का निलंबन वापस ले लिया गया.


फिर से कुमार विश्वास की नाराजगी बढ़ी और कई मौकों पर खुलकर शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बोलने लगे. इसके बाद पार्टी पीएसी की बैठकों में भी उन्हें कई बार आमंत्रित नहीं किया गया.