नई दिल्ली: दिल्ली में कांग्रेस में गुटबाजी शांत होने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित और पार्टी प्रभारी पीसी चाको के बीच का झगड़ा सामने आ गया है. चाको ने शीला दीक्षित को पत्र लिखकर कहा है कि जैसा कि मैंने आपसे पहले कहा है कि आप अकेले संगठन के फैसले नहीं कर सकती हैं, इसलिए कल (शुक्रवार) जो आपने ब्लॉक ऑब्जर्वर बनाए थे उनको मैं महासचिव प्रभारी के तौर आयोग्य करार देता हूं.


प्रभारी महासचिव पी सी चाको ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि शीला दीक्षित जल्द ही संगठन की मीटिंग बुलाकर सबके साथ मिलकर दिल्ली कांग्रेस के लिए काम करें. इसके साथ ही दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया ने भी पत्र लिखकर शिला दीक्षित से नाराजगी जाहिर की है.


कार्यकारी अध्यक्षों का कहना है, ''जब राहुल गांधी ने हमें दिल्ली में जिम्मेदारी दी थी तो उन्होंने कहा था कि हमें मिल-जुलकर दिल्ली के लिए काम करना है. हमें ये दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि किसी भी फैसले में शीला दीक्षित ने हमसे किसी प्रकार की कोई राय नहीं ली.''


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इससे पहले शीला दीक्षित ने दिल्ली के ब्लॉक अध्यक्ष की कमेटी को भंग कर दिया था. उसके बाद भी पीसी चाको और शिला दीक्षित के मतभेद ऐसे ही सामने आए थे और प्रभारी महासचिव ने शीला दीक्षित के फैसले को तब भी अयोग्य करार दिया था. दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने झगड़े निपटाने में असफल रही है.