I.N.D.I.A against Budget 2024: मोदी 3.0 का पहला बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश कर दिया है. सत्तरूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के सहयोगी दल इस बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कह रहे हैं कि इसी से विकसित भारत की आधारशिला बनेगी. वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन के दलों ने इसे जनता से धोखा और कुर्सी बचाने का बजट करार दिया है. इंडिया गठबंधन बजट के विरोध को लेकर जहां एकजुट दिखा वहीं बजट के विरोध में आगे की लड़ाई पर गठबंधन में विभाजन दिखाई दे रहा है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने बजट के विरोध में नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया. डीएमके के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी साफ कर दिया कि उनके मुख्यमंत्री भी 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन के भी नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने की ही संभावनाएं जताई जा रही हैं.
नीति आयोग के विरोध वाले प्लान में ममता नहीं होंगी शामिल
दरअसल केंद्रीय बजट में राज्यों की हकमारी और भेदभाव का आरोप लगा इंडिया गठबंधन ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को इंडिया गठबंधन के सांसद संसद भवन परिसर में प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का भी फैसला लिया गया है. लेकिन इस मुहिम के शुरू होने से पहले ही ममता बनर्जी ने अलग लाइन लेकर एक बार फिर इंडिया गठबंधन को झटका दिया है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी. वो नीति आयोग की बैठक से एक दिन पहले ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच जाएंगी. हालांकि टीएमसी नेता मंगलवार शाम कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल जरूर हुए. लेकिन यहां समाजवादी पार्टी ने इंडिया गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी. खरगे के घर पर हुई बैठक में समाजवादी पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. इससे भी गठबंधन को लेकर संशय के बादल मंडराते दिख रहे हैं.
ममता बनर्जी-अखिलेश यादव की नजदीकियों से टेंशन में I.N.D.I.A!
यहां कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कई मोर्चों पर साथ दिखाई दिए हैं. इन दोनों की मुलाकात हाल ही में मुंबई में हुई थी, जिसके बाद अखिलेश यादव, ममता बनर्जी के बुलावे पर बंगाल में शहीद रैली में शामिल भी हुए थे. दरअसल तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दो बड़े राजनीतिक दल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने बूते अपने-अपने राज्यों में बेहतरीन प्रदर्शन किया. यही दो दल इंडिया गठबंधन की बांह मरोड़ने की ताकत भी रखते हैं और ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में ऐसा कर भी चुकी हैं.
अब बजट के खिलाफ नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार के इंडिया गठबंधन के प्लान को भी ये दल पलीता लगाते हुए दिख रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में एक और सवाल उठने लगा है कि क्या इंडिया गठबंधन में दरार पड़ने लगी है या ये महज क्षेत्रीय दलों के निजी हितों के टकराव हैं.
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