सांवराद दंगा मामला: CBI ने 24 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र किया दाखिल
सीबीआई ने 24 लोगों के खिलाफ जोधपुर की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है. आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस दल को एक घर में बंदी बनाया और उनका सामान लूटा, जिले के एसपी की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी.
नई दिल्ली: सीबीआई ने राजस्थान के नागौर जिले में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारे गए एक व्यक्ति की श्रद्धांजलि सभा के बाद भड़के कथित दंगे को लेकर 24 लोगों के खिलाफ जोधपुर की विशेष अदालत के सामने आरोप पत्र दायर किया है. आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस दल को एक घर में बंदी बनाया और उनकी सरकारी पिस्टल, मोबाइल आदि लूट लिए. साथ ही जिले के एसपी की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दी. इस दौरान अनेक पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं.
सीबीआई के मुताबिक यह मामला राजस्थान सरकार के अनुरोध पर और बाद में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर 5 जनवरी 2018 को दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोप था कि 24 जून 2017 को पुलिस के साथ मुठभेड़ में आनंदपाल सिंह नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी, स्थानीय लोगों ने उसके शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया और सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए मृतक के पैतृक गांव सांवराद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया.
यह आरोप लगाया गया कि आरोपियों में से कुछ लोगों ने इस दौरान गांव आने के लिए बड़ी भीड़ को आमंत्रित किया और 12 जुलाई 2017 को गांव में बड़ी भीड़ एकत्र हुई. यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी और उनके समर्थक सांवराद तिराहा पर पुलिस कंट्रोल रूम में आए और प्रशासन को उनकी अवैध मांगों को स्वीकार करने की धमकी दी. आरोप है कि कथित तौर पर बड़ी संख्या में लोग मंच पर आए और भीड़ को उकसाने के लिए अभद्र भाषाओं का प्रयोग भी किया गया.
आरोप के मुताबिक उत्तेजित भीड़ ने पुलिस वाहनों पर पथराव किया जिसमें पुलिसकर्मियों को चोटें आईं कुछ पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर एक घर में बंदी बना लिया गया जहां भीड़ ने उनके सरकारी हथियार जिसमें 9एमएम पिस्टल, कारतूस, मोबाइल फोन तथा अन्य सामान छीन लिया.
आरोप है कि उत्तेजित भीड़ ने एसपी नागौर की सरकारी गाड़ी पर हमला कर दिया जिससे पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और पुलिस एसपी के वाहन को जला दिया गया.
सीबीआई ने इस मामले में जांच की और अब जांच के बाद 24 लोगों के खिलाफ कोर्ट के सामने आरोप पत्र पेश किया है. इस मामले को लेकर राजस्थान में खूब राजनीति भी हुई थी और पक्ष विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप भी लगाए थे.
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