Rishabh Pant Accident: भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को 'गोल्डन आवर' के अंदर बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमजीत को उत्तराखंड सरकार सम्मानित करेगी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने एलान किया कि उनकी सरकार गणतंत्र दिवस पर दोनों को सम्मानित करेगी. धामी ने कहा कि ड्राइवर और कंडक्टर ने ऋषभ पंत की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी.
ऋषभ पंत का उत्तराखंड के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. 30 दिसंबर को सुबह करीब 5.30 बजे पंत दिल्ली से अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए रुड़की लौटते समय एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गए. इस दौरान उनकी कार हम्मादपुर झाल के पास रुड़की के नारसन बॉर्डर पर डिवाइडर से टकरा गई. वह हादसे के दौरान कार में अकेले थे. इस दौरान उनके पीठ, माथे और पैर में चोटें आई हैं.
जरूरत पड़ने पर दिल्ली ले जाया जाएगा
घटनास्थल से मिली तस्वीरों के मुताबिक कार बुरी तरह जल गई थी और दुर्घटना के वक्त पंत गाड़ी चला रहे थे. हरिद्वार एसपी स्वपन किशोर ने बताया कि पंत को देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा था कि अगर प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत होगी तो उन्हें दिल्ली ले जाया जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें गाड़ी चलाते समय झपकी आ गई थी.
पंत को निकालते ही कार हुई बलास्ट
कंडक्टर परमजीत ने बताया कि जैसे ही उन्होंने ऋषभ पंत को बाहर निकाला. इसके तुरंत बाद कार में आग लग गई और 5-7 सेकंड के अंदर कार जल गई. उसकी पीठ पर काफी ज्यादा चोटें आई थीं. वहीं, डॉ. सुशील नागर ने बताया कि जब पंत को यहां भर्ती कराया गया था, तब उनकी हालत गंभीर थी. उनके दाहिने घुटने में लिगामेंट की चोट है, जो एमआरआई रिपोर्ट के बाद और स्पष्ट हो जाएगी. डॉ. नागर ने कहा कि उसके माथे पर दो खुले घाव थे और उसकी कमर पर खरोंच के निशान थे. इसमें कुछ भी जानलेवा नहीं था. वह होश में थे और अच्छी तरह से बात कर रहे थे.
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