नई दिल्ली: सीबीआई Vs ममता बनर्जी की लड़ाई के बीच सीबीआई को नया निदेशक मिल गया है. ऋषि कुमार शुक्ला ने आज चार्ज लिया. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने शनिवार को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया था. इससे पहले 1983 बैच के मध्य प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष थे. ऋषि कुमार से पहले सीबीआई का जिम्मा अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के हाथों में थी. नागेश्वर राव को आलोक वर्मा की जगह नियुक्त किया गया था, जिन्हें 10 जनवरी को इस पद से हटा दिया गया था.


ऋषि कुमार शुक्ला ने ऐसे समय में सीबीआई की जिम्मेदारी संभाली है जब एजेंसी और कोलकाता पुलिस के बीच विवाद ने राजनीतिक रूप ले लिया है. पश्चिम बंगाल में ना सिर्फ सीबीआई टीम को हिरासत में लिया गया है बल्कि साल्ट लेक के सीजीओ परिसर स्थित एजेंसी के कार्यालय की भी घेराबंदी कर ली गई.


सीबीआई की एक टीम चिटफंड मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने रविवार को उनके आवास पहुंची थी लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया और थोड़ी देर बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर चुकी है.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की कथित मनमानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस कदम से उनके (ममता के) अपमान के खिलाफ रविवार शाम धरने पर बैठ गईं थीं.


सीबीआई का एक दल शारदा और रोज वैली घोटाला मामलों में अचानक कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके घर पहंची, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई के दल को दरवाजे पर ही रोक दिया और बाद में उन्हें थाने ले गई. राज्य पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एजेंसी के अधिकारियों के पास कोई वारंट नहीं था. बनर्जी के एक करीबी सहयोगी से उनके आवास पर हाल ही में पूछताछ की गई थी. आम चुनावों के मद्देनजर जांच में तेजी कर दी गई है.


ऋषि कुमार शुक्ला के सामने एजेंसी की साख बचाने की भी जिम्मेदारी है. सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं.