भारत में त्योहारों की दृष्टि से भाद्रपद मास महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इस मास में कई त्योहार और विशेष तिथियां आती हैं. इनमें से एक ऋषि पंचमी आज है. इस मास में ही कृष्ण जन्माष्टमी और गणेश उत्सव जैसे प्रमुख त्योहार शामिल हैं. गणेश चतुर्थी के अगले दिन देशभर में ऋषि पंचमी मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर आती है.


ऋषियों की होती है पूजा

ऋषि पंचमी के दिन किसी देवी-देवता की पूज बजाए ऋषियों की पूजा की जाती है. चूंकि भारत में प्राचीन समय से ही ऋषियों और मुनियों को पूजनीय माना जाता है, यह पूजा भी इसके महत्व को दर्शाती है.

इस दिन महिलाएं विधिपूर्वक व्रत रखती हैं और नदी, सरोवर, तीर्थ आदि पर स्नान करके पूजा करती हैं. इसके पीछे मान्यता है कि व्रत के समय कथा सुनने से माहवारी के में लगने वाले दोष का निवारण होता है. यह माना जाता है कि महाभारत काल में जब उत्तरा के गर्भ पर अश्वत्थामा के प्रहार से गर्भ नष्ट हो गया था तो उत्तरा ने इस व्रत को किया गया था. इसके बाद उसका गर्भ पुन: जीवित हो गया.

पूजा का मुहूर्त

ऋषि पंचमी की तिथि 22 अगस्त की शाम 7.57 बजे से शुरू होकर 23 अगस्त की शाम 5.04 बजे तक रहेगी. वहीं ऋषि पंचमी पर पूजा का मुहूर्त 23 अगस्ते को सुबह 11.06 बजे से दोपहर 1.41 मिनट तक रहेगा.

पूजा की विधि
इस दिन महिलाएं घर को अच्छे से साफ करती हैं और सप्त ऋषियों स्थापना करके दीपक से उनकी आरती उतारी जाती है. भोग स्वरूप सप्त ऋषियों फल, फूल, मिठाई आदि चढ़ाई जाती है. इसके साथ ही महिलाएं अपनी गलतियों क्षमा याचना करती हैं.

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