वैक्सीनेशन के बाद भी डेल्टा वेरिएंट का खतरा बरकरार, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और मौत का चांस कम
डेल्टा वेरिएंट देश में नए कोविड -19 मामलों का प्रमुख कारण बना हुआ है. लेकिन वैक्सीन की डोज लेने के बाद इसका असर कम हो जाता है. इससे अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा कम हो जाता है.
नई दिल्लीः देशभर से हाल के लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलता है कि डेल्टा वेरिएंट नए कोविड -19 मामलों का प्रमुख कारण बना हुआ है. इंडियन SARS-CoV2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ उच्चस्तरीय की सुरक्षा प्रदान करता है.
डेल्टा वेरिएंट दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. हालांकि वैक्सीन लेने के बाद इसका असर कम हो जाता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नवीनतम अध्ययन के अनुसार कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लगभग 9.8% मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी थी और मृत्यु दर लगभग 0.4% थी.
संक्रमण कम करने के लिए टीकाकरण और नियमों का पालन जरूरी
टीकाकरण के महत्व और मास्क के उपयोग, शारीरिक दूरी और स्वच्छता जैसे उचित व्यवहार को जारी रखने की आवश्यकता जोर देत हुए INSACOG ने कहा, “पूरे देश में डेल्टा का प्रकोप निरंतर. आबादी के एक हस्से पर इसका खतरा बना हुआ है. संक्रमण को कम करने के लिए टीकाकरण और पब्लिक हेल्थ उपाय महत्वपूर्ण हैं."
भारत के बाहर भी डेल्टा वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ता हुआ वेरिएंट बना हुआ है. इसमें दक्षिण पूर्व एशिया भी शामिल हैं जहां वैश्विक स्तर पर नए मामलों में सबसे तेज वृद्धि दिख रही है. हालांकि ज्यादा टीकाकरण वाले सिंगापुर जैसे देशों में इसका ज्यादा प्रकोप नहीं है.
कई राज्यों में बढ़ रहे मामले
ब्रिटेन, यूएस और भारत में वायरस के ज्यादातर म्यूटेशन सामने आए हैं लेकिन "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" (वीओसी) भारत में बहुत कम हैं. देश में केरल और महाराष्ट्र के कई जिलों में मामलों में तेजी देखी जा रही है. जबकि राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के कई जिलों में भी हाई पॉजिटिविटी रेट देखी जा रही है.
87% मामलों में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण
डेल्टा वेरिएंट (B1617.2), पहली बार भारत में पाया गया था और अब दुनिया भर में फैल रहा है. भारत में मई और जून में जीनोम सीक्वेंसिंग में 87% मामलों डेल्टा वेरिएंट के सामने आए थे. यूएस सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में 83% कोविड -19 मामलों का कारण डेल्टा वेरिएंट है.
ICMR द्वारा हाल में किए गए राष्ट्रीय सीरोलॉजिकल सर्वे से पता चलता है कि आबादी का लगभग हिस्से पर अभी भी संक्रमण का खरता बना हुआ है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा है कि कुछ राज्यों और जिलों में विशेष रूप से जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है, वहां मामले बढ़ सकते हैं.
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