MP-MLA Court: चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में सांसद रीता बहुगुणा जोशी सहित पांच लोगों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी, मनोज चौरसिया, राम सिंह, संजय यादव, प्रभा श्रीवास्तव को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सभी दोषियों को छह महीने तक जिला प्रोबेशन अधिकारी की निगरानी में रहने का आदेश दिया है और इसके साथ ही दोषियों को जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष 20-20 हज़ार रुपये की दो जमानतें जमा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जमानत जितनी ही राशि के दो निजी मुचलके दाखिल करने के साथ ही 30 दिन के अंदर जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष पेश होने का आदेश भी दिया है.
इन सभी दोषियों पर आचार संहिता के तहत समय समाप्त होने के बाद भी चुनाव प्रचार का आरोप है. ये मामला 17 फरवरी 2012 को दर्ज हुआ था. उस समय रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी थीं. इस संबंध में कृष्णा नगर थाने में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को मुकदमा दर्ज कराया था. मामले के विवेचक रामसहाय द्विवेदी ने 11 मार्च 2012 इस संबंध में रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
रीता बहुगुणा जोशी की हाजिरी माफी अर्जी की गई थी नामंजूर
एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ 20 अक्टूबर को गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने का आदेश दिया था. विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में मौजूद गवाह से जिरह नहीं करने पर सांसद रीता बहुगुणा जोशी की ओर से दी गई हाजिरी माफी अर्जी को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने गवाही के लिए मौजूद कांस्टेबल दिनेश कुमार यादव की गवाही समाप्त करते हुए सुनवाई के लिए नई तारीख दी थी.
कौन हैं रीता बहुगुणा जोशी
रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. वह 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष थीं. वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं.