Lalu Prasad Yadav Acuqitted In 2015 Case: बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. सिविल कोर्ट हाजीपुर (Civil Court Hajipur) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को गवाहों और सबूतों के आधार पर बरी कर दिया है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान जाति आधारित टिप्पणी करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा था. आज बुधवार को भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच लालू यादव को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. जहां उन्हें सबूतों की कमी की वजह से बरी कर दिया गया. 


राजद समर्थकों ने जमकर की नारेबाजी


बता दें जिस समय लालू यादव को पेशी के लिए कोर्ट लाया गया उस समय वहां भारी संख्या में राजद के कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे. राजद समर्थकों ने कोर्ट परिसर में ही लालू प्रसाद यादव के पक्ष में नारेबाजी की. कोर्ट का फैसला आने के बाद उनके समर्थकों में काफी उत्साह और खुशी देखने को मिली.


वहीं, लालू यादव कोर्ट के फैसले के बाद वहां से निकलकर सीधे पटना के लिए रवाना हो गए. बता दें कि इस मामले को लेकर लालू यादव को पहले 18 अगस्त को कोर्ट के सामने पेश होना था लेकिन स्वास्थ्य कारणों के कारण वह कोर्ट के सामने पेश नहीं हो पाए थे. 


लालू यादव पर लगा था ये आरोप


बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद प्रमुख लालू यादव ने एक मंच से सभा को संबोधित करते हुए बैकवर्ड और फॉरवर्ड की लड़ाई की बात कही थी. जिस पर काफी विवाद हो गया था. मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा. जिसके बाद आयोग ने लालू यादव के बयान को आपत्तिजनक मानते हुए राघोपुर के तत्कालीन सीओ को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. लालू यादव के खिलाफ जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया था. 


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