Farm Laws: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर पूंजीपरस्त होने का आरोप लगाया है. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि किसानों को आतंकवादी और देशद्रोही बताकर उन्होंने बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में अविश्वास पैदा किया है. लालू प्रसाद यादव ने इसे किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र और संविधान की जीत है.


''किसानों और मेहनतकश लोगों की जीत''


विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद लालू ने ट्वीट किया, ‘‘विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई. यह किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों और मेहनतकश लोगों की जीत है. यह लोकतंत्र, संविधान और देश की जीत है.’’लालू ने आरोप लगाया, ‘‘पूँजीपरस्त अहंकारी सरकार और उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में अविश्वास पैदा किया.






''चुनाव की वजह से कृषि कानून वापस हुए''


आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कहा कि इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए 700-750 किसानों के परिवारों का क्या? उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव करीब है इसलिए सरकार ने अब उन कानूनों को वापस ले लिया है. लालू यादव ने कहा कि वे इस मोर्चे पर हार गए हैं और उन्हें चुनावों में भी हार का सामना करना पड़ेगा. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि देश संयम, शालीनता और सहिष्णुता के साथ-साथ विवेकपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी निर्णयों से चलता है ना कि पहलवानी से. 


आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कहा कि बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार की सुबह राष्ट्र को संबोधित करते हुए 2020 सितंबर में बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी. बता दें कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर 2020 से ही राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं.


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