रांची: कल शुक्रवार को दुमका कोषागार गबन मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. दुमका ट्रेजरी मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू को आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) एक्ट के तहत सात- सात साल की कैद की सजा सुनायी है.


लालू यादव चारा घोटाले के चार अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता हैं और फिलहाल बिरसा मुंडा जेल के माध्यम से रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं. लालू यादव ने जमानत के लिए अपनी बीमारी का हवाला दिया है और कहा है कि वह रिम्स में भर्ती हैं और कई बीमारियों से ग्रसित हैं.


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लालू के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह शुगर, हृदय रोग और किडनी के मरीज हैं. उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दी जाए. इससे पहले लालू को हाई कोर्ट जुलाई में देवघर ट्रेजरी से करोड़ों रुपये के गबन के मामले में जमानत दे चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने आधी सजा काटने पर जमानत देने का प्रावधान किया है. इसी आलोक में हाई कोर्ट ने उन्हें अब तक अन्य मामलों में जमानत दी है.


लालू यादव की गैरमौजूदगी का आरजेडी पर सियासी असर


 लालू यादव की गैरमौजूदगी का असर उनकी पार्टी और परिवार पर साफ तौर पर देखा जा सकता है. परिवार के अंदर का कलह कई बार सामने आ चुका है तो वहीं आरजेडी की सियासी जमीन पर लालू यादव की गैरमौजूदगी का असर दिखा. इसका ताजा उदारहण बीते लोकसभा चुनाव में देखने को मिला. महागठबंधन में सीट बंटवार के तहत आरजेडी ने 19 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी हाथ नहीं आ पाई. तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच की अनबन भी चुनाव के दौरान देखने को मिली.


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