रांची: साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले में सजायाफ्ता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को कथित तौर पर कोरोना वारयस संकट से बचाने के लिए बुधवार को रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया. झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान (रिम्स) की कार्यकारी निदेशक डा. मंजू गड़ी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव को आज रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया क्योंकि उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में कोरोना वायरस संक्रमण होने की आशंका थी.
मंजू ने बताया कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्य सरकार के अधिकारियों और रिम्स के सामूहिक फैसले के तहत प्रमुख लालू यादव को रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है.
एक सवाल के जवाब में रिम्स निदेशक ने स्पष्ट किया कि लालू यादव की चिकित्सा कर रहे डा. उमेश प्रसाद और उनके सहयोगी किसी चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी को कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया था. लेकिन उनके वार्ड के बाहर सुरक्षा में तैनात तीन सुरक्षाकर्मियों को कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था अतः लालू को कोरोना संक्रमण के किसी खतरे से बचाने के लिए निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है.
निदेशक ने बताया कि रिम्स निदेशक के बंगले के अलावा रिम्स प्रशासन के पास लालू को रखने के लिए कोई दूसरा जगह नहीं था इसलिए उन्हें बंगले में शिफ्ट किया गया. उन्होंने यह भी साफ किया कि लालू को बंगले में शिफ्ट कर देने से अब पेइंग वार्ड के 18 कक्ष आम मरीजों के लिए उपलब्ध हो गये हैं. लालू यादव चारा घोटाले के तीन विभिन्न मामलों में 14 साल तक की कैद की सजा पाने के बाद 23 दिसंबर, 2017 से इलाज के लिए न्यायिक हिरासत में रिम्स में भर्ती हैं.
मुख्य विपक्षी बीजेपी ने लालू को रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित करने का विरोध किया है और आरोप लगाया है कि पिछले दिनों राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सामने लालू को रिम्स में मोबाइल पर बात करते हुए कैमरे पर पकड़ा गया था जिसके बाद से ही उनके लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में राज्य प्रशासन लगा था.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि रिम्स निदेशक के बंगले में लालू को शिफ्ट करने के पीछे आगामी बिहार चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की राजनीति स्पष्ट नजर आती है.
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