पटना: बिहार महागठबंधन में तकरार बढ़ती जा रही है. इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब नीतीश कुमार के कार्यक्रम में शामिल होने तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे. आज कौशल विकास मिशन के कार्यक्रम में नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी को भी शामिल होना था. इस मंच पर तेजस्वी का नेम प्लेट भी लगाया गया था लेकिन आखिरी समय में उनका आना कैंसिल हो गया.



तेजस्वी के इस कदम से ये तो साफ हो गया है कि वो अपने इस्तीफा ना देने की बात पर अडे  हुए हैं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि आखिरी वक्त पर नहीं आना एक तरह से बायकॉट जैसा है. अब देखना ये है कि वो तेजस्वी के इस कदम पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.


इस कार्यक्रम में नीतीश के ठीक बगल वाली कुर्सी पर तेजस्वी का नेम प्लेट लगाया गया था जिसे पहले ढंक दिया गया, फिर बाद में नेम प्लेट को हटा दिया गया.



तेजस्वी ने तो इस कार्यक्रम में ना आकर अपनी मंशा जता ही दी है लेकिन साथ ही नीतीश कुमार ने भी इस मंच पर आरजेडी के मंत्री विजय प्रकाश से दूरी बनाकर इशारों-इशारों में जवाब भी दे दिया है. मंच पर नीतीश कुमार के ठीक बगल में विजय प्रकाश की कुर्सी थी लेकिन यहां पर नीतीश ने अपनी दाईं तरफ बैठे रंजन सिंह ने कुर्सी बदल ली. नीतीश इस दौरान विजय प्रकाश से बातचीत करते भी नहीं दिखे.


क्या है पूरे विवाद की जड़


बता दें कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी बिहार के डिप्टी सीएम हैं और सीबीआई ने लालू के साथ-साथ तेजस्वी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का सालों पुराना मामला अब दर्ज किया है. सीबीआई ने सात जुलाई को पटना सहित देशभर के 12 स्थानों पर छापेमारी की थी.


लालू यादव ने संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने और आरोपों पर सार्वजनिक सफाई देने से इंकार कर जेडीयू को संकेत दे दिया है कि वो अब बहुत ज्यादा झुकने के मूड में नहीं है. ऐसे में अब महागठबंधन का भविष्य नीतीश के आखिरी फैसले पर निर्भर है.


तेजस्वी के इस्तीफे से लालू का इंकार


इसी बीच लालू यादव ने साफ कर दिया है कि उनके बेटे तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. लालू ने जेडीयू से साफ कह दिया है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने पद से कतई इस्तीफा नहीं देंगे. साथ ही लालू ने जेडीयू की तरफ से अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग भी खारिज कर दी है. लालू के इस बयान के बाद आरजेडी-जेडीयू के बीच दरार और बढ़नी तय है.