Delhi Coaching Tragedy: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्रों की मौत हुई. इस हादसे की चर्चा संसद में भी हुई है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने संसद के उच्च सदन में दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे का जिक्र किया और कहा कि हम हादसों का देश बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में सपने बांटे जा रहे हैं, लेकिन साधन नहीं. आरजेडी नेता ने गुजारिश की कि इसे बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी का मुद्दा नहीं बनाया जाए.


मनोज झा ने सोमवार (29 जुलाई) को कहा, "ये विषय मेज थपथपाने का नहीं है. ना उधर या ना इधर मौत हुई है. इसे हत्या भी कह सकते हैं. कोविड के दौरान मैंने कहा था कि हत्याओं को मौत नहीं कहा जाए, आंकड़ों को अपनी जगह रखें. आज कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं. अब तो यह कहते हैं कि हम देश का कोई भी एग्जाम रिग (धांधली) कर सकते हैं. इनकी भूमिका मंत्री चयन से लेकर सांसदों को चुनने में भी हो गई है. कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की पॉलिटिकल इकोनॉमी है."


हादसों के देश में तब्दील हो गए हम: मनोज झा


आरजेडी सांसद ने कहा, "मौत होने के बाद हम आज चर्चा कर रहे हैं. हम हादसों के देश में तब्दील हो गए हैं. एक बाबा भीड़ लगाता है और हादसे में लोग मर जाते हैं. हम श्रद्धांजलि देकर आगे बढ़ जाते हैं. बिहार में हादसे होते हैं, हम आगे बढ़ जाते हैं. रेल हादसा होता है और एक दिन चर्चा होती है, फिर आगे बढ़ जाते हैं. सीवर में लोग उतरते हैं और मर जाते हैं. इस हादसे की तो चर्चा नहीं होती, क्योंकि सीवर में उतरने वाले की जाति तय करती है कि कितनी चर्चा होगी."


बीजेपी बनाम AAP की डिबेट न बन जाए मुद्दा: आरजेडी सांसद


राज्यसभा सदस्य ने आगे कोचिंग हादसे पर हो रही राजनीति को लेकर कहा, "मुझे डर था कि ये कहीं बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी न बन जाए और मेरा डर बिल्कुल गलत नहीं था. मौत भी हम लोगों को बांट देती है. जिन दिन जीएनसीटीडी एक्ट पास हो रहा था. मैंने आगाह किया था कि आप शक्ति के बिना जिम्मेदारी की धारणा बना रहे हैं. आज बच्चे बीजेपी बनाम आप का डिबेट नहीं देखना चाह रहे हैं. वह जानना चाह रहे हैं कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारा क्या विचार है."



सपने बांटे जा रहे हैं, साधन नहीं: मनोज झा


मनोज झा ने कहा कि इस घटना से सबक लेने की जरूरत है, क्योंकि ये वेकअप कॉल है. उन्होंने कहा, "ये सरकार के लिए वेकअप कॉल है. जब अच्छी नींद आ रही होती है तो हम अलार्म बंद कर देते हैं. हम लोग अब ना सुनने वाले देश में तब्दील हो रहे हैं. लोगों के बीच जिस तरह से सपने बांटे जाते हैं, वैसे हम साधन नहीं बांटते हैं. सपने और साधन के बीच जब गैप होता है तो इस तरह के हादसे होते हैं. मैं आग्रह करूंगा कि इस चर्चा को बीजेपी बनाम आप ना बनाया जाए."


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