Tejashwi Yadav Attacks Nitish Kumar: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की अगुआई में पार्टी की दो दिवसीय बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. 


इस दौरान तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, आखिर क्या कारण है कि आपने अपने वादे से मुकर कर चुप्पी साध ली है. सिर्फ एक कैबिनेट मीटिंग करके प्रस्ताव लेना है लेकिन आप इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. मैं आपको 48 से 72 घंटे का वक्त देता हूं ताकि आप बताएं कि जातीय जनगणना कराने में क्या कठिनाई है.


 पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई इस बैठक में जातीय जनगणना, महंगाई, रोजगार, पलायन, बिहार में बढ़ती गरीबी, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, पैकेज सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई.


'सांप्रदायिक ताकतें भाईचारा तोड़ना चाहती हैं'


इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा, सांप्रदायिक ताकतें देश और बिहार के भाईचारे को तोड़ना चाहती हैं. बंटवारे और तनाव का माहौल बनाकर असल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है. लोगों के बीच नफरत फैलाने की बातें की जा रही हैं. डबल इंजन सरकार में चर्चा हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, लाउडस्पीकर और बुलडोजर पर हो रही है. जनता को असल सवालों से भटकाया जा रहा है.


तेजस्वी यादव ने कहा, राष्ट्रीय जनता दल अवाम के सवालों, बेरोजगारी और जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक बड़ा संघर्ष और आंदोलन करेगी. इन सब सवालों को लेकर पटना से दिल्ली तक पदयात्रा की जाएगी. जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय शिष्टमंडल पीएम नरेंद्र मोदी से मिला था. 


आरजेडी नेता ने आगे कहा, जब सभी लोग मिलकर सहमति के साथ इस मुद्दे पर गए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जातीय जनगणना कराने के सवाल पर पूरी तरह सहमत थे. जब केंद्र ने इंकार किया तो नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि हम अपने स्तर से बिहार में जातीय जनगणना कराएंगे. लेकिन बाद में वो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने की बात करने लगे जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि दो-दो बार बिहार विधान सभा और विधान परिषद से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा गया लेकिन अब किस दबाव और मंशा के तहत वह इस तरह की बातें कर रहे हैं ये उन्हें स्पष्ट करना चाहिए.


'जातीय जनगणना कराने में क्या दिक्कत है, सीएम बताएं'


तेजस्वी ने कहा, जातीय जनगणना कराना सरकार का काम है विपक्ष का नहीं. इस मामले में अगर कोई कठिनाई है तो वो भी लोगों को बताएं. सर्वसम्मति से जातीय जनगणना के प्रस्ताव के बाद भी बिहार सरकार कुछ नहीं कर रही है. नीतीश कुमार की सरकार किस तरह से चल रही है यह सरकार के मंशा से ही साफ होता है कि कहीं न कहीं नागपुर के दबाव में ही कुर्सी बचाने के लिए नीतीश कुमार सरकार चला रहे हैं.


 लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऑनलाइन गणना की बात कर रहे हैं उसमें उन्हें एक कॉलम सिर्फ जातीय जनगणना का जोड़ना है. आखिर केंद्र और बिहार सरकार को परेशानी किस बात की है? सीएम नीतीश कुमार को केन्द्र सरकार पर सिर्फ एक लाइन जुड़वाने में अपने सांसदों और केंद्रीय मंत्री के जरिए दबाव बनवाएं. तेजस्वी ने कहा कि बुलडोजर और लाउडस्पीकर के मामले में जल्दबाजी दिख रही है, वहां गरीबों के साथ न्याय करने में सरकार चुप क्यों है?


बीपीएससी पर्चा लीक मामले पर भी तेजस्वी ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा, बीपीएससी का पर्चा लीक होने की जिम्मेदारी और जवाबदेही किस पर होगी, यह सरकार को बताना होगा. साथ परीक्षार्थियों को आने-जाने में जो परेशानी हुई है, उसके लिए उन्हें पांच हजार रुपये मुआवजा दिया जाए और उम्र सीमा बढ़ाई जाए क्योंकि बार-बार बीपीएससी और बाकी प्रतियोगिता परीक्षाओं में देरी और रद्द होने से छात्र की उम्र सीमा पर भी असर पड़ता है. 


बीजेपी पर बोला हमला


तेजस्वी ने कहा, हमलोगों का संकल्प रोजगार देने का रहा है लेकिन बीजेपी ये क्यों नहीं बता रही है कि 19 लाख लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा? फालतू बयान और नफरत का माहौल खड़ा करके भाजपा बिहार में साम्प्रदायिकता का माहौल बनाना चाहती है लेकिन ऐसे बयान पर भी मुख्यमंत्री खुश हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल जातीय जनगणना, रोजगार, महंगाई, पलायन, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, बिहार के गरीबों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए हर स्तर पर संघर्ष और आंदोलन का कार्यक्रम चलाएगी और मुद्दों के आधार पर पटना से दिल्ली तक पदयात्रा की जाएगी.


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