कोरोना और बाढ़ से बेहाल बिहार को लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, कहा- उठाएं जरूरी कदम
राज्य इस वक्त दोहरी आपदा का सामना कर रहा है. एक तरफ कोरोना का कहर है तो दूसरी तरफ बाढ़ की तबाही. इसके चलते हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं.
बिहार: राज्य इस वक्त दोहरी आपदा का सामना कर रहा है. एक तरफ कोरोना का कहर है तो दूसरी तरफ बाढ़ की तबाही. इसके चलते हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं. इसी बात का जिक्र करते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर बिहार के इन खराब होते हालातों को देखते हुए कदम उठाने की मांग की है.
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से स्थिति चिंताजनक- मनोज झा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा है कि बिहार में कोरोना और बाढ़ की वजह से हालात लगातार खराब हो रहे हैं. बिहार कोरोना संक्रमण की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और जन स्वास्थ्य की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है.
राजधानी पटना समेत अन्य इलाकों में भी संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, जांच भी काफी कम हो रही है. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों की संख्या बहुत कम है और जो है अभी वहां पर भी मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही और ना ही बेड उपलब्ध हो रहे हैं.
इतना ही नहीं डॉक्टरों के पास पीपीई किट जैसी बुनियादी जरूरत की चीज भी उपलब्ध नहीं हो रही. इसके साथ ही वेंटीलेटर्स की उपलब्धता के बारे में भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही.
बाढ़ ने हालात और खराब किए- मनोज झा
मनोज झा ने इसके साथ ही लगातार बिगड़ते बाढ़ के हालातों का भी जिक्र करते हुए कहा है कि एक तरफ कोरोना वायरस है ही, लेकिन बाढ़ ने हालात को और खराब कर दिया है. इसके चलते महामारी फैलने का खतरा और ज्यादा हो गया है.
तो वहीं कोरोना से बचाव के लिए जिस सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही जाती है, वह भी बाढ़ के इन हालातों में मुमकिन नहीं हो पा रहा. बाढ़ के चलते साफ पानी और सेनिटेशन की दिक्कत की वजह से लोगों को बीमारियां अपना शिकार बना रही है, क्योंकि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है.
बिहार झेल रहा है दोहरी मार
मनोज झा ने इस चिट्ठी के जरिए प्रधानमंत्री से बिहार के हालातों को लेकर सकारात्मक पहल करने की मांग की है. गौरतलब है कि बिहार में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो एक बड़े हिस्से को बाढ़ ने प्रभावित किया है और इसकी वजह से हालात लगातार खराब हो रहे हैं.
संसद परिसर में आने वाले लोगों की संख्या कम करने पर भी चर्चा
चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि संसद में आने वाले लोगों की संख्या कैसे कम की जाए और इस कड़ी में बाहर से आने वाले आगंतुकों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है. वहीं सांसद और मंत्रियों के साथ आने वाले स्टाफ में भी कमी लाने पर बात हो रही है.
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