RJD National Executive Meeting: दिल्ली में रविवार (9 अक्टूबर) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान आरजेडी ने दावा किया कि देश के कई हिस्सों में विपक्ष ने एकजुट होना शुरू कर दिया है और बीजेपी (BJP) का दो से 303 सीटों तक का सफर 2024 से उलटी दिशा में जाना शुरू हो जाएगा. पार्टी ने कहा कि सामूहिक विकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के शासन की 'आत्म मुग्ध' राजनीति को मात देगा.
आरजेडी की बैठक में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. हालांकि, आरजेडी की बिहार इकाई के प्रमुख जगदानंद सिंह बैठक में नहीं पहुंचे, जिसके चलते राज्य में पार्टी संगठन में बदलाव की अटकलों को बल मिला है. जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को नीतीश कुमार सरकार से इस्तीफा देने को मजबूर किये जाने के बाद से वह (जगदानंद) नाराज बताए जा रहे हैं.
बैठक में मौजूद रहे सुधाकर सिंह
सुधाकर सिंह बैठक में मौजूद रहे, हालांकि, पिता के बैठक से नदारद रहने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई जवाब दिया दिया. वहीं, जगदानंद सिंह की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर, पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि सिंह के पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और रविवार को उनकी अनुपस्थिति वर्षों से उनकी निरंतर उपस्थिति के तथ्य को कमतर नहीं कर सकती. मनोज झा ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "वह (सिंह) किसी कारण से नहीं आए होंगे. मैं आपको लिखकर दे सकता हूं कि वह हमारे साथ थे, हमारे साथ हैं और हमारे साथ रहेंगे."
तेज प्रताप यादव बैठक छोड़कर गए
इस बीच, बैठक के दौरान उस समय भी असहज स्थिति देखने को मिली, जब लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने पार्टी नेता श्याम रजक पर उनके कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और बैठक छोड़कर चले गए. बैठक को लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने संबोधित किया और इस दौरान तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पेश कर चर्चा की गई.
ये प्रस्ताव किए गए पेश
मनोज झा ने कहा, "राजनीतिक स्थिति पर, विदेश नीति पर और देश की आर्थिक स्थिति पर तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए गए. राजनीतिक प्रस्ताव काफी अहम है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है, जब देश को अंधकार में ले जाया जा रहा है." उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और शरद यादव के भाषणों का जोर इस बात पर था कि देश की स्थिति बहुत गंभीर है क्योंकि बेरोजगारी पांच दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर है.
आरजेडी नेता ने कहा, "सरकार के पास कोई रूपरेखा नहीं है. अगर आप बेरोजगारी की बात करते हैं, तो वे बुलडोजर और हिजाब की बात करते हैं. जहां सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की इच्छा होनी चाहिए, वहां वे (बीजेपी) हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं. देश को अपनी आजादी के 75वें वर्ष में एक नई दिशा की जरूरत है."
"विपक्ष एक साथ बैठेगा, बातचीत होगी"
मनोज झा ने कहा, "उन्होंने (तीनों नेताओं ने) कहा कि बिहार में बदलाव कोई सामान्य बात नहीं है. हम मतभेद और अहंकार को दरकिनार कर एक साथ आए हैं. अब इसे पूरे देश में दोहराया जाना है. विपक्ष एक साथ बैठेगा, बातचीत होगी और बेरोजगारी, महंगाई और सांप्रदायिक सौहार्द के समर्थन में एक प्रगतिशील दस्तावेज तैयार किया जाएगा, ताकि आजादी के 75वें वर्ष में हमारी विरासत नष्ट न हो." झा ने कहा कि जिस बदलाव की जरूरत है वह बिहार से शुरू हो गया है और देश के विभिन्न हिस्सों में विपक्षी दल एक साथ बैठकें कर रहे हैं.
विपक्ष के पीएम के चेहरे पर क्या कहा?
आरजेडी (RJD) के वरिष्ठ नेता ने कहा, "जब हम एक साथ बैठेंगे, तो एक बेहतर विकल्प सामने आएगा और यह 'आत्ममुग्ध' व्यक्ति नहीं होगा. हमने पिछले आठ वर्षों में आत्मकेंद्रित राजनीति के परिणाम देखे हैं, जिसने हमें प्रिय सब कुछ नष्ट कर दिया है." ये पूछे जाने पर कि क्या 2024 में बीजेपी (BJP) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी खेमे का नेतृत्व करने के लिए किसी नाम पर चर्चा की गई, झा ने कहा, "हम एक शैम्पू नहीं खरीद रहे हैं कि ये काम करेगा और ये नहीं करेगा. लोकतंत्र सामूहिकता के बारे में है, जब लोकतंत्र में सामूहिकता का समापन होता है, तो इससे नरेंद्र मोदी का उदय होता है."
ये भी पढ़ें-