Jayant Chaudhary Rally: कुछ तुम गम खाओ, कुछ हम संतोष करेंगे. इसी फॉर्मूले पर यूपी (UP) के दो लड़कों के बीच सीटों के बंटवारे का गणित अब समाधान के करीब है. समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बीच गठबंधन को लेकर चल रहे कयासों के बीच ये बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. सीटों पर फैसले में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ से हो रही देरी पर जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की नाराजगी का असर हुआ है. सूत्रों का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों में सीटों को लेकर फैसला हो जाएगा. इतना ही नहीं 10 जनवरी को जयंत चौधरी आगरा में रैली (Agra Rally) करके सब कुछ ठीक होने के संदेश भी दे देंगे.
 
23 दिसंबर की अलीगढ़ रैली के बाद से आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी सार्वजिनक कार्यक्रम में नहीं दिख रहे थे. प्रचार पूरे उफान पर आ चुका है. पीएम मोदी, सीएम योगी से लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने चुनावी प्रचार में जान झोंक रखी थी. ऐसे में जयंत की गैरमौजूदगी से कई सवाल खड़े हुए थे. पता ये चला था कि कम से कम 36 सीटें मांग रही आरएलडी को अखिलेश इतनी सीटें देने को तैयार नहीं थे.


शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, कुछ सीटों को लेकर भी बात थी. मसलन मुजफ्फरनगर जिले की सीटों पर जयंत का दावा ज्यादा है. वहीं मेरठ की दो सीटें जो उन्हें थमाई जा रही थीं, उनकी बजाय वो दूसरी सीटें चाह रहे थे. इतना ही नहीं कई सीटों पर आरएलडी के चुनाव चिन्ह पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार दे रही है. इन सब मुद्दों पर बातचीत किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पा रही थी.राजक


इन सब मुद्दो पर जयंत को अखिलेश की तरफ से उपयुक्त प्रतिउत्तर नहीं मिल रहा था. इस वजह से वह खुलकर प्रचार से दूरी बनाए हुए थे. इस बीच, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और फिलहाल चुनाव में गठबंधन विस्तार का काम देख रहे मेरठ से ही विधायक रहे डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी आरएलडी से संपर्क साधने की कोशिशें की. हालांकि, जयंत तो सीधे नहीं मिले, लेकिन बीजेपी अपनी कोशिशों में लगी रही.
 
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश और जयंत दोनों ही समझ रहे हैं कि इस वक्त दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. ऐसे में अखिलेश ने भी तत्काल मुद्दा बिगड़ने से पहले कमान संभाली. उम्मीद है कि जयंत को सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी और जो सीटें वह लड़ना नहीं चाहते, उसमें समाजवादी पार्टी अपनी तरफ से उनके चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार दे देगी.


दो-तीन सीटों को लेकर मामला अभी उलझा हुआ है, उसमें मुजफ्फरनगर की हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक जिन्हें एसपी ने शामिल कराया है, उनको लेकर ही सबसे ज्यादा पेंच हैं. हालांकि, दोनों ही खेमों का कहना है कि मामला सुलटा लिया जाएगा. दो-तीन दिन में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार हो जाएगा और 10 जनवरी को जयंत जब आगरा से रैली करेंगे तो सारे कयास भी पीछे छूट जाएंगे.


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