Pasupati Paras News: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के मुखिया पशुपति पारस के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद उनके इंडिया गठबंधन में जाने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, पशुपति पारस राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संपर्क में हैं. वह मंगलवार (19 मार्च) यानी आज शाम पटना के लिए रवाना होंगे. माना जा रहा है कि लालू से मुलाकात के बाद वह इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले ही पशुपति पारस ने अपने 'प्लान बी' का ऐलान कर दिया था. उन्होंने शुक्रवार (15 मार्च) को कहा था कि वह बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. आरएलजेपी प्रमुख ने ये भी कहा था कि उनके पार्टी के अन्य सांसद भी उन्हीं सीटों से चुनावी मैदान में उतरेंगे, जहां से उन्होंने पिछली बार हुए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. मंत्री पद से इस्तीफे के बाद चर्चा हो रही है कि वह एनडीए का साथ भी छोड़ने वाले हैं.
लालू प्रसाद ने ऑफर की तीन सीटें
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पशुपति पारस को इंडिया गठबंधन की तरफ से सीटें भी ऑफर हुई हैं, तभी वो खुलकर बयानबाजी कर रहे थे. एनडीए में सीटें नहीं मिलने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें तीन सीटों का ऑफर दिया है. इन तीन सीटों में हाजीपुर और नवादा सीट भी शामिल हैं, जहां वह चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. वर्तमान में पशुपति पारस हाजीपुर सीट से ही सांसद हैं. लालू से हो रही मुलाकात में इन तीन सीटों पर बातचीत फाइनल भी हो सकती है.
पशुपति पारस का स्वागत करेगी आरजेडी
वहीं, पशुपति पारस के इस्तीफे के बाद आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है, "एनडीए में अन्याय हुआ है. पारस जी को बहुत पहले ही एनडीए छोड़ देना चाहिए था. उन्होंने बहुत अच्छा फैसला किया है. हम उनका स्वागत करेंगे."
NDA के 'विश्वासघात' से दुखी पशुपति पारस
बिहार में एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया है. बीजेपी को 17, जेडीयू को 16, चिराग पासवान की एलजेपी को 5, जीतन राम मांझी की 'हम' और उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दी गई है. इस तरह बिहार में पशुपति पारस का हाथ खाली रह गया है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट चिराग पासवान की एलजेपी को मिली है. इसमें वो हाजीपुर सीट भी शामिल हैं, जहां से पशुपति चुनाव लड़ना चाहते हैं.
राम विलास पासवान के निधन के टूटी पार्टी
दिवंगत राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी उनके निधन के दो धड़ों में बंट गई. उनके भाई पशुपति पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) बना ली, जबकि उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. दोनों ही दल वर्तमान में एनडीए का हिस्सा हैं. राम विलास पासवान की बिहार की दलित राजनीति में अच्छी पकड़ थी. चिराग अपने पिता की इसी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.