नई दिल्ली: केंद्र सरकार पानी की बर्बादी रोकने के लिए आरओ प्यूरीफायर सिस्टम पर रोक लगाने जा रही है. दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार को आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने के लिए कहा था. एनजीटी ने सरकार से कहा कि ऐसे इलाके जहां के पानी में कुल घुलनशील ठोस (टीडीएस) 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है, वहां आरओ सिस्टम के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए.


सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि जिस इलाके का पानी पीने योग्य है, वहां लोग आरओ प्यूरीफायर का इस्तेमाल न करें. हालांकि मंत्रालय की नोटिफिकेशन में टीडीएस की कोई लिमिट नहीं बताई गई है. फिलहाल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित अंतराष्ट्रीय मानक को ही इसका आधार माना जाएगा.


नए मानकों के आधार पर होगा आरओ का निर्माण
इसके अलावा नोटिफिकेशन में आरओ के पानी का इस्तेमाल केवल पीने के काम में होने की बात कही गई है. सूत्रों के अनुसार, नियमों का निर्धारण होने के बाद आरओ का निर्माण करने वाली कंपनियों को नए मानकों के आधार पर आरओ का निर्माण करना होगा. आरओ का डिजाइन इस प्रकार का होगा कि इससे केवल निर्धारत मानकों के अनुसार ही पानी निकले.


निगरानी और मूल्यांकन के लिए बनेगा सिस्टम
सरकार द्वारा अंतिम अधिसूचना जारी होने के 6 महीने के अंदर भारतीय मानक ब्यूरो को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परामर्श के आधार पर एक निगरानी और मूल्यांकन करने की सिस्टम को बनाना होगा. साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर बीआईएस मानक के अनुसार पानी उपलब्ध करने की भी जिम्मेदारी होगी.


पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना में जल संरक्षण के साथ ही उपभोक्ताओं की जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है. नियम का उल्लंघन होने पर केंद्रीय और राज्य प्रदूषण बोर्ड के साथ पर्यावरण मंत्रालय भी इस पर कदम उठा सकता है. हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नियमों के क्रियांवयन की नोडल एजेंसी होगी.


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