विवाद के बीच भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण में तेज़ी, 32 नई सड़कों के निर्माण की मंज़ूरी
भारत सरकार ने चीन से सटी भारतीय सीमा पर 32 सड़क निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए हरी झंडी दे दी है.अभी तक भारत-चीन सीमा पर कुल मिलाकर 73 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है.
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच भारत सरकार ने सड़क निर्माण कार्य का बड़ा एलान किया है. भारत सरकार ने चीन से सटी भारतीय सीमा पर 32 सड़क निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए हरी झंडी दे दी है. ये फैसला गृह मंत्रालय की बुलाई गई एक मीटिंग में लिया गया. इस बैठक में केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अलावा सीमा सड़क संगठन (BRO)और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के अधिकारियों ने भाग लिया.
भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण में तेज़ी
मीटिंग में ये तय पाया कि इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. अभी तक भारत-चीन सीमा पर कुल मिलाकर 73 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से 12 सड़कों का निर्माण CPWD और 61 सड़कों का निर्माण BRO कर रहा है. सीमा पर होने वाले सभी सड़क कार्य के निर्माण के देख-रेख की ज़िम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है.
सड़क निर्माण में तेज़ी के इस फैसले को 15-16 जून को लद्दाख के गलवान वैली में हुई घटना से जोड़कर देखा जा रहा है. सड़क निर्माण के इस प्रोजेकट में लद्दाख में बनाए जाने वाले तीन अहम सड़क भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, सड़कों के अलावा ऊर्जा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी इन सीमावर्ती इलाको में सरकार का खास ध्यान है.
सीमा पर बनी सड़कों का हाल
सड़कों के निर्माण के लिए पत्थर हटाने काम 2017-2020 के बीच 470 किलोमीटर तक पूरा कर लिया गया था जबकि 2008 से लेकर 2017 तक सिर्फ़ 230 किलोमीटर तक ही इस काम को अंजाम दिया जा सका था. इसी तरह जमीन को समतल करने का काम 2017 से 2020 तक 380 किलोमीटर तक पूरा किया गया था जबकि 2008 से 2017 तक ये काम 170 km तक ही हो पाया था.
इसी तरह अगर टनल निर्माण की बात करें तो 2014 से लेकर अबतक छह टनल का निर्माण हुआ जबकि 2008 से लेकर 2014 तक सिर्फ़ एक टनल को बनाया जा सका. कुल मिलाकर देखा जाए तो 2014 से लेकर 2020 तक 4,764 सड़कों का निर्माण हो चुका है जबकि 2008 से लेकर 2014 तक केवल 3,160 km तक ही सज़कें बनीं थीं.
बजट में इज़ाफ़ा
सड़क प्रोजेक्ट के बजट में भी इज़ाफा किया गया है. साल 2008 से लेकर 2016 तक अनुमानित बजट 3,300 – 4,600 करोड़ के बीच है जबकि ये सिर्फ 2018-18 में 5450 करोड़ था. 2018 – 19 में ये 6,700 करोड़ रूपए किया गया. 2019-20 में इसे बढ़ाकर 8,050 करोड़ किया गया वहीं 2020-2021 का बज़ 11,800 करोड़ रूपए है.