Delhi News: बुनियादी ढांचा क्षेत्र में देरी से चल रही परियोजनाओं में सबसे अधिक 358 परियोजनाएं सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र की हैं. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद रेलवे की 111 और पेट्रोलियम क्षेत्र की 87 परियोजनाएं हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में 769 में 358 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं. रेलवे में 173 परियोजनाओं में 111 देरी से चल रही हैं, जबकि पेट्रोलियम क्षेत्र की 154 में 87 परियोजनाएं समय से पीछे चल रही हैं.


नवंबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 756 परियोजनाएं अपने तय समय के मुकाबले देरी से चल रही हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग डिवीजन केंद्रीय क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक लागत वाली परियोजनाओं की निगरानी करता है. यह डिपार्टमेंट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अंदर आता है. 


कौन-कौन सी परियोजनाएं तय समय से चल रही हैं पीछे


सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics & Programme Implementation) 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है. रिपोर्ट से पता चला कि मुनीराबाद-महबूबनगर रेल परियोजना सबसे ज्यादा देर से चल रही परियोजना है. इन परियोजनाओं में 276 महीने की देरी हुई है. देरी के लिहाज से दूसरे स्थान पर उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल परियोजना है, जो 247 महीनों की देरी से चल रही है. तीसरी सबसे विलंबित परियोजना बेलापुर, सीवुड और अर्बन इलेक्ट्रिफाइड डबल लाइन परियोजना है. जो 228 महीनों की देरी से चल रही है.


केंद्र सरकार ने नवंबर महीने में जारी की थी रिपोर्ट


नवंबर महीने की रिपोर्ट के अनुसार 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली 1521 परियोजनाओं का डेटा है. अंडर रिव्यू महीने में 1521 में और 9 परियोजनाओं जोड़ी गई थी. इसमें से 10 परियोजनाएं पूरी हो गई थीं. इसमें 9 सड़क और एक शहरी विकास से जुड़ी परियोजना थी. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 756 परियोजनाएं अपने तय समय के मुकाबले देरी से चल रही हैं, जो तय की गई समय सीमा पर तैयार नहीं होगी.


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