नई दिल्ली: मोटर व्हीकल संशोधन बिल आज राज्यसभा से पास हो गया. इस बिल में दो संशोधन हुए हैं इसलिए अब बिल को दोबारा लोकसभा में लाया जाएगा. निचले सदन से मंजूरी मिलने और उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा. राज्यसभा से बिल पास होने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह सिर्फ मोटर व्हीकल संशोधन बिल नहीं है, यह एक रोड सेफ्टी बिल है.


गडकरी ने कहा कि मेरा मानना है कि इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी, इस बिल का पारित होना उन लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''हमारे देश में हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है. हम दुनिया में दुर्घटनाओं में पहले नंबर पर हैं, अब हमें इसे ठीक करने का मौका मिला है.''


राज्यसभा ने बिल को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. बिल पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. यह बिल पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था. लेकिन बिल में ‘प्रिंटिंग की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह बिल फिर से लोकसभा में जाएगा.


राज्यसभा में बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन बिल के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.


गडकरी ने कहा कि बिल के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं. इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें बिल में शामिल किया गया है.


बिल में क्या है प्रावधान?
बिल में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गये हैं. किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर या अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.


तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना और निर्धारित अवधि के लिये लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान बिल में शामिल हैं. नाबिलक द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक/अभिभावक को दोषी माना जाएगा और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा.


इस बिल में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा. इस बिल में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.


(1) सीटबेल्ट या हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये हो जाएगा.


(2) ओवर-स्पीडिंग के लिए जुर्माना मौजूदा 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया जाएगा.


(3) शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया जाएगा.


(4) आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता नहीं देने पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.


(5) संशोधन में यह भी कहा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए आधार संख्या का उपयोग अनिवार्य होगा.


(6) वर्तमान में, ड्राइविंग लाइसेंस 20 साल के लिए वैध है और बिल का उद्देश्य वैधता को 10 साल तक कम करना है.


(7) 55 साल की उम्र के बाद अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वाले लोगों की वैधता केवल पांच साल होगी. लाइसेंस की वेलिडिटी खत्म होने के बाद एक साल तक रिन्यू किया जा सकता है.


(8) भारत की राज्य सरकारें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर एग्रीगेटर्स को लाइसेंस प्रदान करेंगी.


(9) एग्रीगेटर्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का अनुपालन करना भी आवश्यक होगा.


(10) सड़क हादसे में मारे गए लोगों की मुआवजा राशि 5 लाख और गंभीर रूप से घायलों की 2.5 लाख की गई है.


नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सड़क हादसों के लिये सड़क निर्माण की खामियां जिम्मेदार हैं. इसके लिये उन्होंने सड़क बनाने वाली कंपनी और इंजीनियरों की जवाबदेही तय की जायेगी. गडकरी ने स्वीकार किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है.


उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद वह सड़क हादसों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं ला पाए. इस संबंध में तमिलनाडु ने बहुत अच्छा काम किया है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग सपने दिखाकर उनको पूरा नहीं करते, उन्हें जनता बदल देती है, लेकिन जो पूरा करते हैं उनको जनता दोबारा चुनती है.


गडकरी ने कहा कि देश में 22 लाख वाहन चालकों की कमी है. प्रशिक्षित वाहन चालकों की कमी को पूरा करने के लिये छोटे शहरों में ड्राइविंग ट्रेनिंग केन्द्र खोले जाने की पहल की है. इसके लिये केन्द्र सरकार राज्यों को प्रति केन्द्र एक करोड़ रुपये अनुदान देगी.