Pilot Project of Arvind Kejriwal: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूबसूरत बनाई जा रही पीतमपुरा स्थित ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक की सड़क का दौरा कर जायजा लिया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सड़कें बहुत चौड़ी हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड की नहीं है. इन्हें हम बेहद खूबसूरत बनाने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली की 500 किमी. से ज्यादा लंबी सड़कों को हम यूरोपियन स्टैंडर्ड के हिसाब से डिज़ाइन कर रहे हैं. ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक की सड़क का आज मैंने खुद जायज़ा लिया. इसमें अभी कुछ और सुधार की गुंजाइश है. जल्द उन्हें ठीक कर दिल्ली की सड़कों को और ख़ूबसूरत बनाएंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 16 स्ट्रैच पर काम चल रहा है और सितंबर से अक्टूबर तक सारे पायलट प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के बाद जो मॉडल अच्छा होगा, उसे हम यूरोपियन स्टैंडर्ड की बनाई जाने वाली दिल्ली की 500 किलोमीटर लंबी सड़कों में लागू करेंगे. इस निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री मनीष सिसोदिया और पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूरोपीय स्टैंडर्ड पर री-डिजाइन कर विकसित की जा रही पीतमपुरा के वेस्ट एन्क्लेव स्थित ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक की सड़क का स्थलीय जायजा लिया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया और वरिष्ठ अधिकारी भी साथ रहे. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को यूरोपीय स्टैंडर्ड पर री-डिजाइन कर सुंदर बनाई जा रही इस सड़क की कार्य प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि यह स्ट्रैच 5.2 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से दो किमी सड़क के सुंदरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है और बाकी पर तेजी से काम चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि सड़क की एक साइड में लोगों के लिए साइकल ट्रैक भी बनाया जा रहा है. साथ ही, लोगों को पैदल चलने के लिए फूटपाथ बनाए गए हैं. स्ट्रैच के साथ सभी पेड़ों को डिजाइन में किया गया है और छोटे-छोटे पौधे लगाए गए हैं. पैदल चलने वालों और सड़क का इस्तेमाल करने वालों के लिए बैठने और आराम करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई गई है. अधिकारियों ने सड़क की डिजाइन को दिखाते हुए बताया कि इसमें से काफी काम हो चुका है और कुछ पर काम चल रहा है.

 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने सड़क के किनारे और सेंट्रल वर्ज के उपर लगाए गए पौधों को बेहतर क्वालिटी का नहीं पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की. सेंट्रल वर्ज पर लगाए गए पौधों के बीच में कई जगहों पर काफी दूरी हैं और पौधे काफी छोटे भी हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल कहा कि यूरोपीय देशों की सड़कों के किनारे और सेंट्रल वर्ज पर जैसे घने पौधे लगाए जाते हैं, उसी तरह से पौधे लगाए जाएं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सड़क के किनारे और सेंट्रल वर्ज पर पौधे थोड़े बड़े और घने लगाए, ताकि देखने में सुंदर लगे. वहीं, इस स्ट्रैच की एक साइड की तरफ बड़ी दीवार लगी हुई है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दीवार के सुंदरीकरण के लिए संबंधित व्यक्ति से बात कर लें. अगर वे चाहे, तो खुद दीवार का सुंदरीकरण कर लें और उसका खर्च दिल्ली सरकार दे देगी या फिर वो इसकी अनुमति दे दें, ताकि दिल्ली सरकार खुद दीवार का सुंदरीकरण करा दे। उन्होंने दीवार पर खूबसूरत पेंटिंग बनाने की सलाह दी. 

 

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि अभी हमने यूरोपीय तर्ज पर री-डिजाइन कर विकसित की जा रही सड़क के एक स्ट्रैच का जायजा लिया. दिल्ली के अंदर हम सड़कों को बेहद खूबसूरत बनाने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली देश की राजधानी है. हम लंदन, टोक्यो, न्यूयार्क, वाशिंगटन, यूरोप के शहरों समेत दुनिया भर में जाते हैं, तो कितनी खूबसूरत सड़कें होती हैं. हमारी सड़कें बहुत चौड़ी हैं. लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड पर देखा जाए, तो उस स्टैंडर्ड की नहीं है. हमारा मकसद है कि दिल्ली की सड़कों को बेहद खूबसूरत बनाया जाए. उसी प्रयास के तहत पहले चरण में लोक निर्माण विभाग की 500 किलोमीटर लंबी सड़कों को खूबसूरत बनाने का हमारा मकसद है. 500 किलोमीटर की सड़कों का सुंदरीकरण करने से पहले हम लोग पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत छोटा स्ट्रैच करके देख रहे हैं. उसी पायलट प्रोजेक्ट के तहत सुंदरीकरण की जा रही सड़क के एक स्ट्रैच का आज हमने मुआयना किया. दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तहत करीब 16 स्ट्रैच हैं, जिन पर काम चल रहा है और सितंबर-अक्टूबर तक सारे पायलट प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे. इसके बाद हम देखेंगे कि कौन सा पायलट प्रोजेक्ट अच्छा है, कौन सा मॉडल अच्छा है, जिसे हमें पूरी दिल्ली में 500 किलोमीटर की सड़कों में लागू करना है। अभी कार्य चल रहा है और अभी इसमें और सुधार होते रहेंगे.

 

आधुनिकता के साथ राष्ट्रवाद की झलक भी पेश करेगी सड़कें

यूरोपीय शहरों की तर्ज पर विकसित की जा रही दिल्ली की सड़कें आधुनिकता के साथ-साथ देशभक्ति की झलक भी पेश करेंगी. यूरोपीय तर्ज पर विकसित की गई इन सड़कों से अगर कोई गुजरेगा, तो उसके अंदर आधुनिकता के साथ देशभक्ति की भावना भी जागृत हो सकेगी. लोगों में राष्ट्रवाद के प्रति अलख जगाने के लिए सड़क के किनारे भगत सिंह और रानी लक्ष्मी बाई जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगाई जाएंगी. इसके अलावा, फौब्बारे, एफओबी पर कलाकृतियां, सैंड स्टोन बेंच, बुद्ध प्रतिमा, स्टेट ऑफ आर्ट इंफो बोर्ड, इस्पात तत्व, सैंड स्टोन आर्ट का कार्य किया जाएगा. सड़क के एक तरफ साइकल ट्रैक भी बनाया जाएगा.

 

सड़कों को री-डिजाइन कर खत्म किए जाएंगे बॉटलनेक

सड़कों के री-डीजाइन करने से बाटलनेक खत्म होंगे. अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है. इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चौड़ी दिखेगी. इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का अच्छे से इस्तेमाल किया जाएगा. फुटपाथ, नाँन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाई जाएगी. कम से कम 5 फुट के फूटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा. दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो. 

 

सड़कों के किनारे बढ़ाई जाएगी हरियाली

सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह अधिक हो जाएगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी काफ़ी जगह होगी. आटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा. सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा. नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे. सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में रीचार्ज किया जा सके. स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा. सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा. 

 

हरियाली बढ़ने से खत्म होगी धूल प्रदूषण की समस्या

सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास हरियाली काफी बढ़ जाएगी. सड़क की एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी, जहां पर घास न लगी हो. इससे सड़क पर धूल से होने वाले प्रदूषण की समस्या खत्म होगी। अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या से लोगों को समस्या होती है. सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण खत्म किया जा सके.

 

पायलट प्रोजेक्ट के तहत बन रही सड़कों पर लगेंगे यह पौंधे

दिल्ली सरकार का पर्यटन विभाग यूरोपीय तर्ज पर विकसित की जा रही सड़कों पर टोपरी ग्रुप के पौधे लगाएगा. इस टोपरी गुप के अधिकांश पौधे अधिक ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले और देखने में सुंदर होते हैं. इन पौधों को सजावट के लिए उपयोग किया जााता है. इसके अलावा, बिस्मार्किया नोबिलिस, रॉयस्टोना रेजिया, फीनिक्स डैक्टिलिफेरा प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे. पाम ग्रुप के पौधे भी लगाए जाएंगे. ये पौधे पत्ते व तने सजावटी में इस्तेमाल होते हैं और सौंदर्यीकरण उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाते हैं.

 

री-डिजाइन की गई सड़कों पर मिलेगी ये सुविधाएं


  • रिक्शा के लिए पार्किंग 

  • पार्किंग के लिए स्थान चिंहित 

  • ग्रीन बेल्ट 

  • पब्लिक ओपन स्पेस

  • साइकिल लेन

  • पैदल पाथ लेन

  • सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा

  • सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा, ताकि सड़क से पार्क की खूबसूरती दिखे


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