नई दिल्ली: दिवाली को लेकर जहां दिल्ली पुलिस यह दावा कर रही है कि राजधानी दिल्ली की सुरक्षा चाक-चौबंद है. और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हुए हैं. वहीं देर रात राजधानी दिल्ली में रोड रॉबरी की घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वाकई दिल्ली की सड़कों पर निकलना सेफ है? वारदात सराय काले खां के नजदीक मिलेनियम पार्क के पास की है, जहां गुरुवार आधी रात के बाद कार में सवार एक शख्स टॉयलेट करने के लिए नीचे उतरा. कार में उसकी पत्नी और दोस्त भी मौजूद थे, इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता सफेद रंग की स्विफ्ट कार वहां आकर रुकती है और उस शख्स पर बंदूक और चाकू तान कर उससे नकदी और गहने लूट लेती है.
पीड़ित परिवार का दावा है कि लुटेरे कार में बैठी महिलाओं को भी लूटने का प्रयास करते हैं, कार का पीछा करते हैं लेकिन थोड़ी दूरी पर पुलिस को तैनात देखने के बाद वे फरार हो जाते हैं. फिलहाल दिल्ली पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाना में इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है. इस पूरी वारदात को पीड़ीत की बहन ने कार के अंदर से मोबाइल में शूट भी किया है, जो वायरल हो रहा है.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि सनलाइट थाना पुलिस मौके पर काफी देर से पहुंची और पहुंचने के बाद भी पीड़ित को गुमराह करने का प्रयास करती रही, जिससे घटनास्थल उनके थाने का इलाके का न बन पाए. पीड़ित परिवार के इस आरोप पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा है कि सनलाइट कॉलोनी थाना पुलिस को इस मामले की जानकारी आधी रात के बाद 2:45 पर मिली थी. इससे पहले पीसीआर ने इस कॉल को नई दिल्ली जिला पुलिस को फॉरवर्ड की थी. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी कैमरे और पीड़ित द्वारा बताए गए कार के नंबर के आधार पर लुटेरों की तलाश कर रही है.
पीड़ित के साथी टीटी अमित अरोड़ा ने कहा, ''मैं अपनी पत्नी और दोस्त के साथ इंदिरापुरम एक पार्टी में गया था. हम लोग वहां से देर रात को रोहिणी सेक्टर-18 स्थित घर के लिए लौट रहे थे. जब हम एनएच-24 से रिंग रोड पर आये तो मैंने गाड़ी को सड़क किनारे रुकवाया. मैं टॉयलेट करने के लिए नीचे उतरा. मैं थोड़ा सा ही आगे गया था कि अचानक से 3 लोगों ने मुझे आकर के घेर लिया और मेरे पिस्तौल व चाकू लगा दिया. उन्होंने बड़े आराम से कहा कि यार जो भी तेरे पास है, वह हमें दे दे. उन्होंने मुझसे ₹40000, मेरी घड़ी, सोने की चैन लूट ली. मैंने 2 अंगूठियां पहनी हुई थी. एक आराम से उतर गई थी और दूसरी अंगूठी फंसी हुई थी. तो वे बदमाश अपने साथ कटर लेकर चल रहे थे. उन्होंने मेरी अंगूठी को कटर से काटी और लूट ली. मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था.
अमित अरोड़ा ने कहा, ''उन्होंने हमारी गाड़ी लूटने की कोशिश की. जिसमें मेरी पत्नी, बहन और बहन का पति मौजूद थे. गाड़ी मेरा दोस्त (बहन का पति) चला रहा था. उसने तुरंत गाड़ी को बैक किया और आगे की तरफ ले गया. स्विफ्ट कार में सवार बदमाशों ने उनका पीछा किया, लेकिन आगे पुलिस को देख कर भाग गए. वहां से हमने कॉल की. पीसीआर जल्दी ही मौके पर आ गई थी. इसके बाद नई दिल्ली की पुलिस हमारे पास आ गई थी. उन्होंने जब हमसे इलाका पूछा तो फिर उन्होंने कहा कि यह इलाका सनलाइट थाना का पड़ता है. उन्होंने हमारे सामने थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. घटना लगभग 1 बज कर 16 मिनट पर हुई थी. 2:30 बजे तक भी सनलाइट थाने से पुलिस अधिकारी नहीं आए थे. जब पुलिस अधिकारी आये तो उन्होंने मुझसे कहा कि कहां पर यह वारदात हुई. मैंने जब जगह दिखाई तो वे उसे मानने को तैयार नहीं हो रहे थे और वह जबरदस्ती मुझे आगे की तरफ ले जा रहे थे. मैं बार-बार जगह बता रहा हूँ लेकिन वह किसी भी तरीके से आगे ले जाने की कोशिश में लगे रहे. जब मैंने गुस्से में उनसे कहा कि मेरे साथ वारदात हुई है तो यह मैं ही आपको बता पाऊंगा किस जगह पर मेरे साथ लूटपाट हुई है, आप कैसे तय कर लोगे? तब जाकर उन्होंने मेरी बात को सुना. बाद में पता चला कि जो आईओ मौके पर आए थे, उनकी कोशिश थी कि किसी भी तरीके से घटनास्थल को बदल दिया जाए जिससे कि वह इलाका सनलाइट कॉलोनी थाने का न रह जाए और नई दिल्ली एरिया में चला जाए. अगर लोकल पुलिस समय रहते मौके पर पहुंचती तो शायद लुटेरों का पीछा कर उन्हें पकड़ा जा सकता था. बदमाशों ने अपने चेहरे पर रुमाल जैसी कोई चीज बांधी हुई थी और जिस तरीके से वारदात का अंजाम दिया है, तो ऐसा लगता है कि वे लोग पूरी तैयारी के साथ सड़क पर सिर्फ और सिर्फ लूटपाट के मकसद से ही निकले हुए थे.''
अमित की बहन गरिमा शर्मा ने कहा, ''मैं, मेरे पति, भाई और भाभी इंदिरापुरम से लौट रहे थे. तभी एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार हमारी गाड़ी के आगे आ कर रुकी थी. उन्होंने इस तरीके से कार को रोका था जिससे कि हम अपनी गाड़ी को आगे न बढ़ा सके. मेरे पति समझ गए कि कुछ गड़बड़ हो सकती है. इसलिए तुरंत उन्होंने गाड़ी को बैक करना शुरू कर दिया था. यह देखकर बदमाश हमारे पास न आकर अमित भैया की तरफ चले गए और उनके साथ लूटपाट करने लगे. मैंने अपने मोबाइल से वीडियो बनाया.अमित भैया की वाइफ नीचे उतर कर मदद के लिए जाने की कोशिश कर रहीं थी, लेकिन हमने उन्हें समझाया कि आप नीचे मत जाइए सबके लिए खतरा बन सकता है. इसके बाद जब उन लोगों ने अमित भैया को लूट लिया तो फिर वे हमारी कार तरफ आने लगे और हमें लूटने की कोशिश करने लगे. मेरे पति ने तुरंत गाड़ी को आगे भगा दिया और आगे चेकपोस्ट हम जा कर रुक गए थे. स्विफ्ट कार हमारे नजदीक प्रगति मैदान वाले कट से चली गई. सबसे ज्यादा गलत उस समय लग जब सनलाइट कॉलोनी थाना पुलिस हमारी बात को नहीं सुन रही थी. आईओ टालमटोल कर रहे थे जबकि जो पीसीआर थी या जो प्रगति मैदान पर पुलिस थी वह काफी कोऑपरेटिव थी. उन्होंने हमारा साथ दिया लेकिन जो सनलाइट कॉलोनी थाना पुलिस कर्मी थे, वे केवल टालमटोली में ही लगे हुए थे.''