जयपुर: बीकानेर जमीन घोटाला मामले में ईडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से जयपुर में पूछताछ कर रही है. प्रियंका गांधी मंगलवार को वाड्रा को ईडी दफ्तर तक छोड़ने भी पहुंचीं थीं. कल वाड्रा से इस मामले में करीब 8 घंटे पूछताछ हुई. ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को आज सुबह साढ़े 10 बजे फिर पूछताछ के लिए बुलाया है. रॉबर्ट वाड्रा से लंदन की कथित प्रॉपर्टी के बारे में भी दिल्ली में तीन दिन पूछताछ हो चुकी है


कल पूछताछ में उनकी मां मॉरीन वाड्रा से भी सवाल पूछे गए. सूत्रों के मुताबिक मॉरीन ने कहा, ''मुझे कंपनी के बारे में ज्यादा नहीं पता, मैं कंपनी के नियमित काम काज में दखल नहीं देती थी लिहाजा मुझे इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं पता.''


वाड्रा के वकील ने पूछताछ के बाद कहा, ''पूछताछ लगभग नौ घंटे चली. उन्होंने ईडी अधिकारियों के सवालों के जवाब दिए. वे कल सुबह साढे दस बजे एक बार फिर यहां ईडी के कार्यालय में उपस्थित होंगे.'' वकील ने बताया कि वाड्रा की मां मौरीन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनका इलाज चल रहा है इसलिए उन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है. हालांकि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है.


सूत्रों के मुताबिक वाड्रा से पूछे गए ये सवाल
- स्काईलाइट कंपनी के खाते किस किस बैंक में हैं ?
- स्काईलाइट के पास कुल कितनी और कहां-कहां जमीनें हैं
- क्या इस बारे में जानकारी थी कि बीकानेर कोलायत की जमीन सरकारी है ?
- जमीन खरीदने के लिए फंड कहां से आया


बीकानेर के जमीन विवाद कैसे फंसे वाड्रा?
सरकारी जमीन फर्जी तरीके से जोराराम के नाम पर रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. जोराराम की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी रणजीत सिंह के नाम हुई. रणजीत सिंह ने जमीन सतीश गोयल को रजिस्ट्री के जरिए बेची. सतीश गोयल ने जमीन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को बेची.


स्काईलाइट ने जमीन एलीजिनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेची. 69 हेक्टेयर जमीन जांच के बाद वापस सरकार के पास चली गई. वाड्रा की कंपनी ने जमीन 79 लाख में खरीदकर 5.50 करोड़ में बेची. अब तक इस मामले में 6 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.


कैसे हुआ बीकानेर का जमीन घोटाला?
बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में जमीन सरकार ने ली. बदले में मालिकों को दूसरी जमीन अलॉट, 2008 में फर्जीवाड़ा शुरू हुआ. फर्जी दस्तावेजों से काल्पनिक आदमी के नाम जमीन दर्ज कराई गई. 2014 में जमीन वापस सरकार के जाने पर फर्जीवाड़ा खत्म हो गया. राजस्थान पुलिस ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी को आरोपी नहीं बनाया है, अभी उन लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाए थे.