कोलकाता: दुनिया की पहली इंसानों की तरह बात करने वाली रोबोट सोफिया के पास शाहीन बाग, सीएए और एनआरसी का जबाव नहीं है. सभी विषयों के सवालों पर तुरंत जवाब देने वाली सोफिया इन मुद्दों के सवाल पर खामोश रही. दरअसल दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ह्यूमनॉयड रोबोट सोफिया को हांगकांग की कंपनी हैंडसम रोबोटिक ने बनाया है.


पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में सोफिया ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. एबीपी न्यूज के संवाददाता के कई सवालों के जवाब सोफिया ने दिए, लेकिन जब पत्रकारों ने सीएए और एनआरसी से संबंधित सवाल किए तो वह खामोश हो गई. इन सवालों का उसने कोई जवाब नहीं दिया.

CAA और NRC इसके साफ्टवेयर में नहीं

दरअसल जब इस रोबोट को कंपनी ने बनाया था, तो उस समय सीएए और एनआरसी जैसे मसले नहीं थे. इसलिए कंपनी ने ऐसी किसी भी साफ्टवेयर को इसमें नहीं लगया था. शायद इसलिए सोफिया इस सवाल के जवाब देने में सक्षम नहीं है.

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा ला गए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं.

समानता के मूलअधिकारों का हनन

विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि यह कानून देश के लिए ठीक नहीं है. इस कानून का विरोध करने वालों का ऐसा मानना है कि इससे एक धर्मविशेष के लोगों की नागरिकता प्रभावित होगी. यह कानून भेदभाव पूर्ण है और संविधान की समानता के मूल अधिकारों का हनन करती है.

वहीं सरकार का कहना है कि सीएए से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता प्रभावित नहीं होगी. उनका कहना है कि वास्तव में यह कानून नागरिकता देने वाला है, किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं. सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को नागरिता देने का प्रावधान है, जो वहां धार्मिक कारणों से दमन का शिकार हैं.

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