नई दिल्ली: रोहिंग्या मुस्लिम चरमपंथियों ने म्यांमार में लगभग 100 हिंदुओं की बर्बर तरीके से हत्या कर दी. अंतर्राष्ट्राय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने जांच में बताया कि पिछले साल अगस्त में एआरएसए(अरसा) नाम के रोहिंग्या चरमपंथियों के संगठन ने 99 हिंदुओं का कत्लेआम किया. हालांकि एआरएसए ने इस बात से इंकार किया है.
म्यांमार में पिछले साल ही सेना और रोहिंग्या समुदाय के बीच व्यापक संधर्ष हुआ जिसकी वजह से कई रोहिंग्या मारे भी गए थे और उन्हें अपना देश छोड़ कर अन्य देशों में शरण लेनी पड़ी थी. पिछले अगस्त से लगभग सात लाख म्यांमार के रोहिंग्या और अन्य नागरिक हिंसा से प्रभावित हुए हैं. म्यांमार(पुराना नाम बर्मा) में बौद्ध समुदाय बहुसंख्यक है और रोहिंग्या यहां पर अल्पसंख्यक हैं. पिछले साल हुई हिंसा में कुछ इलाकों के बौद्ध समुदाय के लोगों को भी अपना घर छोड़ना पड़ा था.
एमनेस्टी ने कहा कि उन्होंने बंग्लादेश और म्यांमार के रखाईन राज्य में शरणार्थियों से इंटरव्यू किया और इसमें ये बात सामने निकल कर आई कि आराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी(एआरएसए) ने उत्तरी मौंगडॉ के गांवों में संघर्ष के दौरान 99 हिंदुओं की हत्या की. मानवाधिकार संगठन ने यह भी बताया कि एआरएसए ने पहले हिंदू औरतों, पुरूषों और बच्चों को बंदी बना के रखा और उन्हें डराया धमकाया. इसके बाद चरमपंथियों ने उन लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी.
जो हिंदू बच गए थे उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपने सगे-संबंधियों को मरते देखा और उनकी चीखें सुनी. एआरएसए(अरसा) चरमपंथियों ने 'आह नौक खा मौंग सेक' गांव में 20 पुरूष, 10 महिलाएं, 23 बच्चें और 14 बच्चें जिनकी उम्र आठ साल से कम थी, को मौत के घाट उतार दिया. एमनेस्टी ने बताया कि पिछले साल सितंबर के आखिर में 45 लोगों के शवों को चार बड़े कब्र से बाहर निकाला गया था. अभी भी 46 लोगों के शवों का कोई अता पता नहीं है.