रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
रोहिंग्या संकट का हल तब तक नहीं निकलेगा जब तक म्यांमार से उनका पलायन नहीं रुक जाता और संघर्ष खत्म नहीं होता. म्यांमार के रुख को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि जल्द ऐसा होगा.
![रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज Rohingya Refugees In India Supreme Court To Hear Petition Challenging Deportation रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/09/11084943/rohingya-02.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या लोगों को भारत में रहने देने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब देने को कहा है. इस बीच दो और याचिकाएं दाखिल हुई हैं. इनमें रोहिंग्या लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें वापस भेजने की मांग की गई है.
क्या है पूरा मामला?
म्यांमार में लंबे अरसे से रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर रहे हैं. रोहिंग्या भारत, बांग्लादेश और थाईलैंड समेत कई दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं. म्यांमार से पलायन करने के बाद रोहिग्या मुसलमान बांग्लादेश में पनाह ले रहे हैं. सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं भारत में भी हजारों रोहिंग्या मुसलमानों ने शरण ले रखी है. दरअसल म्यांमार के रखाइन राज्य में सेना और रोहिंग्या चरमपंथियों के बीच संघर्ष चल रहा है. सैकड़ों लोग इसमें मारे जा चुके हैं. दुनियाभर के मानवाधिकार संगठन म्यांमार में रोहिंग्या पर अत्याचार का आरोप लगा रहे हैं.
भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान
अब तक करीब 1 लाख 80 हजार रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं. भारत में भी 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं. ज्यादातर रोहिंग्या जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश ,दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में मोजूद हैं.
अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर किया जाएगा- केंद्र सरकार
रोहिंग्या मुसलमान का मुद्दा देश की राजनीति को भी गरमा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ही सरकार से जवाब मांगा था. सरकार का कहना है कि देश में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकाला जाएगा. सरकार को डर ये है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमान का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए कर सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
रोहिंग्या मुसलमानों की हालत पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि अब इस मामले में और देरी नहीं की जा सकती. हमें समस्या की जड़ में जा कर उसे सुलझाना होगा. हम म्यांमार सरकार से अपील करते हैं कि वो रोहिंग्या मुसलमानों को नागरिकता दे नहीं तो कम से कम उन्हें कानूनी तौर पर रहने की इजाजत दे.
म्यांमार से पलायन की वजह से है रोहिंग्या संकट
रोहिंग्या संकट का हल तब तक नहीं निकलेगा जब तक म्यांमार से उनका पलायन नहीं रुक जाता और संघर्ष खत्म नहीं होता. म्यांमार के रुख को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि जल्द ऐसा होगा और रोहिंग्या को नागरिकता के अधिकार दिए जाएंगे.
म्यांमार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि हम आतंकवाद से अपनी रक्षा करेंगे. हम अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करेंगे. हम अपने नागरिकों की रक्षा करेंगे, चाहे इसके लिए कितनी भी सेना क्यों ना इस्तेमाल करना पड़े.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)