Delhi Rohini Court Bomb Blast: रोहिणी अदालत के अंदर हुआ बम धमाक लो इंटेंसिटी वाला नहीं था, बल्कि एक शक्तिशाली बम था. जो लूज पैकिंग की वजह से पूरी तरह फट नहीं सका और यही वजह है कि नुकसान बेहद कम हुआ. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर ये बम पूरी क्षमता से फटता तो बहुत ज्यादा नुकसान कर सकता था. रोहिणी अदालत में बम धमाके के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अदालत में भीड़ भाड़ रहती है. पुलिस की कई टीमें जांच में जुटी हैं, लेकिन 5 दिन बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है.
78 CCTV कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी है पुलिस
5 दिन बाद भी दिल्ली पुलिस इस बम धमाके की जांच में क्लू-लेस है. पुलिस 78 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी हुई है और कई संदिग्धों को चिन्हित भी कर चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है.
बम धमाके का मकसद भी तलाश रही है पुलिस
पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस बम धमाके को किसने अंजाम दिया है? किसी आतंकी संगठन ने या फिर किसी गैंग ने? अगर कोई आतंकी संगठन बम धमाका करना चाहेगा तो किसी खुले स्थान पर आसानी से बम रख कर भारी तबाही मचा सकता है, कोर्ट की चेकिंग का जोखिम क्यों उठाएगा? वहीं अगर ये किसी गैंग का काम है तो उस तक बम बनाने की तकनीक कहां से पहुंची?
इन्हीं सब पहेलियों को सुलझाने में न केवल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की 5 टीमें बल्कि क्राइम ब्रांच और रोहिणी जिला पुलिस भी लगी हुई है.
शक्तिशाली था बम, लूज़ पैकिंग के चलते फुस हुआ बम
रोहिणी कोर्ट के अंदर हुए बम धमाके को लेकर दिल्ली पुलिस अब तक यह कह रही है कि यह एक लो इंटेंसिटी बम धमाका था, जबकि जांच से जुड़े पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये लो इंटेंसिटी वाला नहीं था. ये एक शक्तिशाली बम था, जो लूज पैकिंग की वजह से पूरी तरह फट नहीं सका. इस बम के अंदर लगभग आधा किलो विस्फोटक( अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है) के अलावा शार्पनल( छोटे पेंच और बड़ी कीलें), 12 वोल्ट की बैटरी और एक फ्रीक्वेंसी एंटीना था, जिसमें फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और घटाने की तकनीक भी थी. इसी वजह से जांच में जुटे पुलिस सूत्र ये कह रहे हैं कि इस बम का संचालन रिमोट से किया गया था.
धमाके से जुड़ी बड़ी बातें
- पुलिस को बैटरी के साथ तार से लिप्टा मिला एंटीना
- फ्रीक्वेंसी घटाने बढ़ाने वाली तकनीक वाला था एंटीना
- रिमोट से किया गया था धमाका
- धमाके करने वालों के साथ साथ उसके पीछे का मकसद भी तलाश रही है पुलिस
3 दिनों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है पुलिस
पुलिस सूत्रों का कहना है कि 7 दिसंबर से 9 दिसंबर तक की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है. बम धमाका 9 दिसंबर की सुबह हुआ था, इसलिए पुलिस उन गाड़ियों को भी वेरीफाई कर रही है, जो 9 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे तक पार्किंग के अंदर आई. इसके अलावा पुलिस ये आशंका भी जता रही है कि बम धमाके को अंजाम देने वाले लोगों ने या तो वकीलों की ड्रेस का इस्तेमाल किया है या फिर वकील के स्टीकर लगी गाड़ियों का.
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