Delhi Rohini Court Shootout: दिल्ली की रोहिणी अदालत में कुख्यात बदमाश जितेंद्र गोगी की कोर्ट रूम के अंदर हत्या करने वाले बदमाश सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच में अदालत के अंदर दाखिल हुए थे. ये बात दिल्ली पुलिस की अब तक हुई जांच में निकल कर सामने आई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ने कोर्ट नंबर 207 में लगभग 3 घंटे से ज्यादा का समय बिताया. दोनों(राहुल और जयदीप) कोर्ट के अंदर वकील बन कर बैठे रहे और दोपहर लगभग 1:10 पर जब जितेंद्र उर्फ गोगी को कोर्ट में लाया गया तो वकील की ड्रेस पहने इन दोनों बदमाशों ने बेहद नजदीक से उसे गोली मार दी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों ने गोगी के सीने पर सटाकर गोली चलाई है.


इन एंगल पर हो रही है जांच


पुलिस सूत्रों का कहना है कि जितेंद्र उर्फ गोगी की दुश्मनी टिल्लू ताजपुरिया गैंग से जग जाहिर है. यही वजह है कि इस सनसनीखेज हत्याकांड के पीछे सबसे पहले टिल्लू ताजपुरिया का ही हाथ माना जा रहा है, लेकिन अभी की बात करें तो कुछ और बदमाशों के नाम भी संदेह के घेरे में है. जिनमें नीरज बवानिया, नवीन बाली, राहुल काला और सोनीपत के बखेता गांव का चीकू उर्फ हेमंत. ये सभी अभी शक के घेरे में है, क्योंकि इन सभी बदमाशों की टिल्लू ताजपुरिया गैंग से दोस्ती है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन दोनों बदमाशों को हथियार किसने मुहैया करवाए और कैसे? क्योंकि इनके पास से बरामद पिस्टल और रिवाल्वर ऑटोमेटिक हैं और बहुत ही हाईटेक है. पिस्टल 9 एमएम की बताई जा रही है.


सुबह 9:30 बजे से 1:10 मिनट तक की सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है


पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि वकील की ड्रेस में आए बदमाश राहुल और जयदीप सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच में कोर्ट के अंदर प्रवेश कर चुके थे. ये भी माना जा रहा है कि इन दोनों ने रोहिणी कोर्ट के गेट नंबर 4 से अदालत में प्रवेश पाया होगा, क्योंकि यही वह गेट है जहां से कोर्ट स्टाफ और वकीलों की एंट्री होती है. ये दोनों वकील की ड्रेस में आए थे. इन दोनों को ये भी बखूबी मालूम था कि कोर्ट के अंदर प्रवेश करने के दौरान वकीलों की चेकिंग नहीं की जाती है. पुलिस का कहना है कि सुरक्षा के लिए अदालत के गेट व परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा का डीवीआर जब्त कर लिया गया है. सुबह 9:30 से लेकर दोपहर 1:10 तक की फुटेज को खंगाला जा रहा है. ये वेरीफाई किया जा रहा है कि आखिर इन दोनों ने कितने बजे कोर्ट परिसर के अंदर एंट्री ली? क्या ये दोनों कोर्ट के अंदर पैदल आए थे या फिर किसी गाड़ी में सवार होकर?


जयदीप की पहचान में पुलिस भी खा गई थी धोखा


पुलिस का कहना है कि जब इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया और फिर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश ढेर हो गए तो फिर इनकी पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई. राहुल की पहचान तो आसानी से हो गई, लेकिन उसके दूसरे साथी को पहचानने में पुलिस को काफी समय लगा. दूसरे साथी को सबसे पहले टिल्लू गैंग का मॉरिस सहरावत माना जा रहा था, क्योंकि उसका हुलिया काफी ज्यादा मेल खा रहा था. लेकिन शाम होते होते यह साफ हो गया कि राहुल के साथ मारा गया बदमाश मौरिस नहीं है, बल्कि जयदीप है, जो सोनीपत के करनी गांव का रहने वाला था. वह भी टिल्लू गैंग का ही सदस्य है.


वकीलों की ड्रेस और जूते बिल्कुल नए थे


पुलिस ने ये भी जानकारी दी है कि राहुल और जयदीप ने वकील की जो ड्रेस पहनी हुई थी वो बिल्कुल नई थी. इतना ही नहीं दोनों के पैरों में जो काले रंग के जूते थे, वे भी बिल्कुल नए थे.


दोनों की जेब से कोई भी मोबाइल या दस्तावेज नहीं मिला 


पुलिस सूत्रों का दावा है कि राहुल और जयदीप के पास से पुलिस को न तो कोई मोबाइल मिला है और न ही कोई अन्य दस्तावेज. यही वजह रही कि दोनों की पहचान में काफी समय लगा, लेकिन इसी वजह से पुलिस ये मानकर चल रही है कि इन दोनों को यहां पर कोई तीसरा व्यक्ति लाया था. जो उन्हें अदालत के बाहर या फिर अदालत के अंदर तक छोड़ कर गया है. पुलिस का कहना है कि इन दोनों की जितेंद्र गोगी से कोई सीधी दुश्मनी नहीं है. इसलिए इस सनसनीखेज हत्याकांड के पीछे टिल्लू गैंग के साथ-सथ अन्य बदमाशों पर भी शक जताया जा रहा है.


 



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