नई दिल्ली: एक के बाद एक बैंकों से बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो रहा है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे घाटाले की रकम बढ़ती जा रही है. 800 करोड़ से शुरू हुआ रोटोमैक का घोटाला अब बढ़कर 3 हजार 695 करोड़ तक पहुंच गया है. रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने सात अलग-अलग बैंकों से लोन लिया और न मूलधन चुकाया और न ही ब्याज़ चुकाया. इसमें बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शामिल हैं.


सीबीआई ने विक्रम कोठारी के तीन ठिकानों पर छापेमारी की है और माना जा रहा है कि सीबीआई विक्रम कोठारी को गिरफ्तार कर सकती है. फिलहाल विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और उनके बेटे से कानपुर में सीबीआई पूछताछ कर रही है. उनकी पूछताछ से ही ये खुसाला हुआ कि ये घोटाला 800 करोड़ का नहीं, बल्कि 3695 करोड़ का है. कोठारी कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. सीबीआई ने अनेक फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं और इससे ये पता चलता है कि घपला बीते काफी दिनों से चल रहा था.


क्या है मामला


कानपुर में कोठारी के माल रोड स्थित ऑफिस पर बीते सप्ताह ताला लगा मिला था. बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत के बाद सीबीआई कानपुर में उनके तीन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, "कानपुर में कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से पूछताछ की गई."


अधिकारी ने बताया कि कोठारी के खिलाफ रविवार रात मामला भी दर्ज कर लिया गया है. कोठारी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 800 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.


कौन है विक्रम कोठारी


विक्रम कोठारी का नाता पान पराग से भी रहा है. मनसुख भाई कोठारी के निधन के बाद उनके दो बेटे दीपक कोठारी और विक्रम कोठारी ने बिजनेस को बांट लिया था. विक्रम के पास पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक आई. सलमान खान कंपनी के ब्रांड एंबेसेडर बने. कंपनी का एक दौर ऐसा था कि हर दूसरे तीसरे शख्स के हाथ में रोटेमैक पेन नजर आता था.