दिल्ली: बैंकों से 3700 करोड़ के घोटालेबाज और पेन बनाने वाली प्रमुख कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल कोठारी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों कंपनी में निदेशक हैं. इन्हें आज दोपहर 2 बजे के करीब पटियाला हाउस स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा.


यह गिरफ्तारी 3,695 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड मामले में हुई है. कोठारी को सवाल-जवाब के लिए दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था. वह और राहुल कोठारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.


सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, सात राष्ट्रीय बैंकों के समूह ने 2008 के बाद से रोटोमैक ग्लोबल को 2,919 करोड़ रुपये मूल्य का कर्ज दिया. ब्याज आदि मिलाकर यह राशि 3,695 करोड़ रुपये हो गई.


सीबीआई ने इस मामले में बैंक आफ बड़ौदा की शिकायत पर कार्रवाई की है. इसके पहले ईडी ने कोठारी और उनके परिजनों के जमीन, समुद्र और हवाई मार्ग से भारत छोड़ने पर रोक लगा दी थी. मंलगवार शाम कानपुर में पूछताछ के लिए सीबीआई दोनों को साथ ले गई थी.


कौन है विक्रम कोठारी?
विक्रम कोठारी के पिता मनसुख भाई कोठारी ने 1973 में पराग कंपनी शुरू की. जिसका पान पराग पान मसाला एक वक्त पर घर घर में मशहूर हो गया था. 983 से 87 के बीच पान पराग विज्ञापन देने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से थी.

मनसुख भाई के निधन के बाद उनके दो बेटे विक्रम और दीपक कोठारी के बीच बंटवारा हुआ. विक्रम कोठारी ने पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक शुरू की. 1995 के दौरान रोटोमैक कंपनी पेन की दुनिया में सबसे बड़ी ब्रांड बन गई. इसका मुनाफा तब भी करोड़ों में था. यही वजह थी कि विक्रम कोठारी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों बेस्ट एक्स्पोर्टर ऑफ द इयर का सम्मान भी मिला.