यूपी इन्वेस्टर्स मीट से था कोठारी को बुलावा लेकिन पहले ही CBI ने पकड़ लिया
कोठारी को कानपुर की कंपनी के मालिक होने के नाते बुलाया गया था, लेकिन उससे पहले ही दोनों सीबीआई की जांच के घेरे में आ गए और दोनों ने कार्यक्रम में शिरकत नहीं की.
नई दिल्ली: दो दिन पहले हुई उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स मीट में बैंकों से 3700 करोड़ के घोटालेबाज और पेन बनाने वाली प्रमुख कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल कोठारी को भी बुलाया गया था. लेकिन इससे पहले ही दोनों सीबीआई जांच के घेरे में आ गए.
यूपी इन्वेस्टर्स मीट में पीएम मोदी ने भी की थी शिरकत
बता दें कि लखनऊ में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था जिसमें सीएम योगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े उद्योगपतियों ने शिरकत की थी. लेकिन उसी इन्वेस्टर्स मीट में रोटोमैक घोटाले के आरोपी विक्रम कोठारी और उनका बेटा आमंत्रित सदस्य थे.
कोठारी को कानपुर की कंपनी के मालिक होने के नाते बुलाया गया था
दरअसल कोठारी को कानपुर की कंपनी के मालिक होने के नाते बुलाया गया था, लेकिन उससे पहले ही दोनों सीबीआई की जांच के घेरे में आ गए और दोनों ने कार्यक्रम में शिरकत नहीं की. ऐसे में अगर सीबीआई एक्शन नहीं लेती तो ये दोनों घोटालेबाज कार्यक्रम में पहुंच जाते.
बता दें कि विक्रम कोठारी पर बैंकों से 3700 करोड़ के लोन में फ्रॉड करने का आरोप है. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, सात राष्ट्रीय बैंकों के समूह ने 2008 के बाद से रोटोमैक ग्लोबल को 2,919 करोड़ रुपये मूल्य का कर्ज दिया था. ब्याज आदि मिलाकर यह राशि 3,695 करोड़ रुपये हो गई.
कौन है विक्रम कोठारी?
विक्रम कोठारी के पिता मनसुख भाई कोठारी ने 1973 में पराग कंपनी शुरू की. जिसका पान पराग पान मसाला एक वक्त पर घर-घर में मशहूर हो गया था. 983 से 87 के बीच पान पराग विज्ञापन देने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से थी. मनसुख भाई के निधन के बाद उनके दो बेटे विक्रम और दीपक कोठारी के बीच बंटवारा हुआ. विक्रम कोठारी ने पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक शुरू की. 1995 के दौरान रोटोमैक कंपनी पेन की दुनिया में सबसे बड़ी ब्रांड बन गई. इसका मुनाफा तब भी करोड़ों में था. यही वजह थी कि विक्रम कोठारी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों बेस्ट एक्स्पोर्टर ऑफ द इयर का सम्मान भी मिला.
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