नई दिल्लीः आज मोदी सरकार में मंत्री और राउरकेला के स्थानीय सांसद जुएल ओराम ने मुक्तिकांत बिस्वाल से मुलाकात की और उनका मांगपत्र लिया. मुक्तिकांत बिसवाल का नाम काफी चर्चा में आ गया था जब उन्होंने राउरकेला से दिल्ली का 1500 किलोमीटर का फासला लगभग 71 दिनों में चल कर तय किया था. इसके पीछे उनकी मांग थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल 2015 को राउरकेला के जनरल हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में बदलने का एलान किया था, वहां अब तक काम शुरू क्यों नहीं हुआ?


इसको लेकर राउरकेला के स्थानीय सांसद जुएल ओराम ने मुक्तिकांत बिसवाल का मांगपत्र तो ले लिया लेकिन पूरी अकड़ में कहा कि हॉस्पिटल और पुल का काम शुरू हो चुका है. मंत्री ने कहा कि दोनों काम प्रगति पर हैं लेकिन तकनीकी वजहों से ही कुछ देरी हुई है. पुल का टेंडर दिया जा चुका है वहीं हॉस्पिटल के बर्न वार्ड का शिलान्यास 15-20 दिन पहले ही किया गया है. हालांकि मंत्री ये नहीं बता पाए कि काम तक पूरा हो पाएगा? ये भी कहा कि प्रधानमंत्री से अपॉइंटमेंट में उनकी नहीं सुनी जाएगी, वैसे वो कह जरूर देंगे.





मुक्तिकांत बिस्वाल से जब पूछा गया कि मंत्री जी के साथ उनकी क्या बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनको कुछ कहने का मौका दिए बिना मंत्री जी ने अकड़ के साथ उनसे कहा "काम तो शुरू हो चुका है, चाय-पानी पियो. थैंक्यू तुम्हारा स्वागत तो राहुल गांधी करते हैं". इसके अलावा जब मुक्तिकांत बिस्वाल ने मंत्री जी से पूछा कि हॉस्पिटल का काम कब तक पूरा होगा तो मंत्री जी ने कहा कि पता नहीं.


बताया जा रहा है कि मंत्री ने कहा कि ये भोला लड़का है जिसे बहला दिया गया है. जब राहुल गांधी ही समर्थन कर रहे हैं तो बाकी आप खुद समझ सकते हैं. इस पर मुक्तिकांत ने कहा कि उम्मीद नहीं थी कि ऐसा जवाब मिलेगा. काम शुरू होने का जो दावा किया जा रहा है वो बस दिखावा है. राजनीति के आरोप गलत हैं. क्या राजनीतिक समर्थन भर से कोई 1500 किलोमीटर चल सकता है?