Rozgar Mela: देशभर में 44 जगहों पर शनिवार (22 जुलाई) को रोजगार मेले का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े हैं. इस दौरान, उन्होंने 70 हजार से अधिक युवाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपॉइनमेंट लेटर बांटे. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी लगातार जनता को सैगात दे रहे हैं. इसी क्रम में अलग अलग विभागों और संगठनों में भर्ती हुए युवाओं को पीएम मोदी ने ऑनलाइन नियुक्ति पत्र बांटे हैं.
इस दौरान, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. युवाओं को सरकारी नौकरी में आना बहुत बडा अवसर है. आपको देश का नाम रोशन करके दिखाना है." उन्होंने यह भी कहा कि भारत 9 सालों में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है."
पीएम बोले, आज का दिन ऐतिहासिक
पीएम ने कहा, "जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं उनके लिए यह यादगार दिन है लेकिन साथ-साथ देश के लिए भी यह बहुत ऐतिहासिक दिवस है. 1947 में आज के ही दिन (22 जुलाई) तिरंगे को संविधान सभा द्वारा वर्तमान स्वरूप में स्वीकार किया गया था." उन्होंने आगे कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है, आपका सरकारी नौकरी में आना बहुत बड़ा अवसर है. ये युवाओं की मेहनत का परिणाम है और नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई.
गांधी परिवार पर भी बोला हमला
पीएम मोदी ने नाम लिए बगैर गांधी परिवार पर भी हमला बोला और कहा कि एक समय देश में फोन बैंकिग घोटाला होता था, पहले की सरकार में बैंक से लोन एक परिवार के लोग दिलवाते थे. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने बैंकों को नुकसान पहुंचाया और हमने बैंक लूटने वालों की संपत्ति जब्त की.
पीएम बोले, फोन बैंकिंग पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक
उन्होंने कहा, "9 साल पहले फोन बैंकिंग मेरे और आपके जैसे सामान्य नागिरकों के लिए नहीं थी. उस समय एक खास परिवार के करीबी, कुछ ताकतवर नेता बैंक को फोन कर अपने चहेतों को हजारों करोड़ रुपए का लोन दिलवाया करते थे. ये लोन कभी चुकाया नहीं जाता था...ये फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था."
पीएम ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था के विस्तार में हमारे बैंकिंग सेक्टर की भी अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन 9 साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है तब कैसी बर्बादी होती है, देश में कई उदाहरण हैं. हमारे बैंकिंग सेक्टर ने तो पिछली सरकार के दौरान इस बर्बादी को महसूस किया है.