नई दिल्ली: रेलवे पुलिस ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर अपने सभी मंडलों के लिए निर्देश वाला सात पेज का परामर्श जारी किया. आरपीएफ के सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं.


परामर्श में प्लेटफॉर्म, रेलवे स्टेशन, यार्ड, पार्किंग, पुल के साथ-साथ वर्कशॉप में सुरक्षा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है. परामर्श में उन स्थानों की पहचान की गई है जो किसी भी तरह की हिंसा के लिहाज से संवेदनशील हो सकते हैं या जिनका विस्फोटकों को छिपाने में इस्तेमाल किया जा सकता है.


इस परामर्श में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों के पास और उसके दायरे में आने वाले धार्मिक ढांचों पर करीब से नजर रखी जाए क्योंकि वहां 'हिंसा भड़कने की ज्यादा आशंका' है. साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशनों समेत 78 प्रमुख स्टेशनों की पहचान की गयी है जहां अधिक संख्या में यात्री आते हैं और यहां आरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी बढ़ायी गयी है.


विहिप ने बंद किया राम मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम, सभी कार्यक्रम रद्द


परामर्श में पूर्व के उस आदेश को भी रद्द किया गया है जिसमें स्टेशनों को वहां कोई ट्रेन न होने पर बिजली बचाने के लिए करीब 30 प्रतिशत रोशनी कम रखने की अनुमति दी गयी थी. परामर्श में सभी मंडलों को हर वक्त 100 फीसदी रोशनी रखने का निर्देश दिया गया है.


17 नवंबर से पहले आएगा फैसला


सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर से पहले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुना सकता है. इसी दिन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सेवानिवृत हो रहे हैं जिन्होंने इस मामले पर दलीलें सुनने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता की है.


विहिप ने रोका पत्थर तराशने का काम


अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम बंद कर दिया है. 1990 के बाद से पहली बार पत्थरों को तराशने का काम बंद किया गया है. विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि इस काम में लगे सभी कारीगर अपने घर वापस लौट गए हैं.