रांचीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की ओर से लाए गए कृषि कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान नहीं है. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने स्वीकार किया कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में अपने घोषणा पत्र में किसानों से जुड़े खंड सात में इस अधिनियम को देश से हटाने का वादा किया था, लेकिन उसका अलग संदर्भ था.


आरपीएन सिंह ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए दिये जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को समाप्त कर देगी, क्योंकि इसका कोई कानूनी आधार नहीं है. इसलिए कांग्रेस संसद में हाल में पारित नये कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य के बिंदु को शामिल करवाना चाहती है.


इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘जब न्यूनतम समर्थन मूल्य ही हटा दिया जायेगा तो मंडियों का क्या अर्थ रह जायेगा?’’ यह पूछे जाने पर कि केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह ही गेहूं, धान आदि के न्यूनतम समर्थन मूल्य तो घोषित किये हैं, ऐसे में उन्हें इस व्यवस्था के बंद होने की क्यों आशंका है, सिंह ने कहा, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था लागू रखने के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है.’’


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